सरकारी रिकॉर्ड के ऊपर भारी ग्राम पंचायत सचिव की मनमानी,ग्राम पंचायत करकी के निवासी को बता रहे दूसरे गांव का निवासी

शहडोल। एक ओर जहा शासन के द्वारा ग्रामीण अंचल के ग्रामीणों की समस्याओ के निराकरण का जिम्मा ग्राम पंचायत के सचिव व रोजगार सहायक को नियुक्त किया गया है जिससे ग्रामीण जनों की समस्या का निराकरण हो सके किंतु वही ग्राम पंचायत करकी जनपद पंचायत जयसिंहनगर के सचिव का रवैया आम जनमानस के प्रति कुछ इस तरह है की समस्या निपटने के जगह और विकराल रूप धारण करती नजर आ रही है सोशल मीडिया में वायरल वीडियो(जिसकी हम पुष्टि नहीं करते है)की माने तो सचिव के द्वारा साफ शब्दों में कहा जा रहा है कि तुम ग्राम पंचायत करकी की निवासी नहीं हो शासन द्वारा एक ओर आधार कार्ड, वोटर आईडी को प्राथमिकता देते हुए सभी जगह इन्हें मानने के लिए अनिवार्य कहा है लेकिन वही ग्राम पंचायत करकी के सचिव का नियम कुछ और ही कह रहा है शायद यह ग्राम पंचायत में शासन से विपरीत नियमों को मानने का कार्य कर रहे हैं तभी तो इनके द्वारा योजनाओं का लाभ लेने के लिए आए अभ्यर्थी को यह कहकर मना कर दिया जाता है कि आप ग्राम पंचायत के निवासी ही नहीं है जबकि आवेदक द्वारा जितने भी पहचान पत्र सचिव के समक्ष रखे गए वह सब ग्राम पंचायत करकी बताते हैं पर उन आधारों को ना मानने का दावा ग्राम पंचायत के सचिव कर रहे हैं और ग्रामीण इन जैसे सचिव एवं रोजगार सहायको के कारण ही  परेशान रहते है शासन द्वारा इन्हे जनता की सेवा करने के लिए ग्राम पंचायत में बैठाया गया है लेकिन इनके माध्यम से लोगो को सहुलियत ना मिलकर बल्कि हर जगह परेशानियो का सामना करना पड रहा है वास्तव में यें अपने आप को सबकुछ समझ बैठते है। शासन जिन दस्तावेजो को प्राथमिकता देकर सभी जगह मान्य कर रहा है वही सचिव का नियम देश से बाहर का लगता है तभी तो उन कागजो को झुठलाने का हर संभव प्रयास कर रहे है अगर योजना नही देनी तो ना दे लेकिन शासन जिस आधार कार्ड एवं मतदाता परिचय पत्र को लोगो की पहचान बताता है उसे झुठलाने का अधिकार सचिव को आखिर किसने दिया। ग्राम पंचायत का सचिव निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए पहचान पत्र पर भी  भारी पड़ रहा है।  भाजपा की सरकार ढीकरा पीटती है कि हर गरीब का सपना सरकार पूरा करेगी पर क्या छोटे स्तरो पर उन गरीबो का हाल इन जैसे सचिवो द्वारा क्या किया जाता है शायद सरकार इससे रुबरू नही है या फिर होना नही चाहती इसी कारण आम जनमानस को शासन प्रशासन द्वारा दिए जाने वाले योजनाओ के लिए भी सचिवो के माध्यम से दर दर भटकने पर मजबूर कर दिया जाता है। बड़े शर्म की बात है कि एक व्यक्ति के समस्त दस्तावेज उसी ग्राम पंचायत का होने के बाद भी सचिव अनदेखा कर उसे अन्य ग्राम पंचायत का बताने में लगा हुआ है।

*इनकी प्रतिक्रिया*

इस संबंध में बात करने के लिए जब ग्राम पंचायत करकी के सचिव से फोन के माध्यम से सम्पर्क किया गया तो उनका कहना था कि मुझे अभी एक साल हुआ है सब की जानकारी नहीं है इसलिए उनका रिकॉर्ड मंगवाया था लेकिन मुझे जहां तक जानकारी है कि वह ग्राम पंचायत करकी की निवासी नहीं है 

*सुरेंद्र सोनी*
*सचिव ग्राम पंचायत करकी*

इस संबंध में बात करने के लिए जब ग्राम पंचायत करकी के रोजगार सहायक को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा 

*शैलेश गुप्ता*
*ग्राम रोजगार सहायक*
*ग्राम पंचायत करकी*

इस विषय के संदर्भ में जब बात करने के लिए ग्राम पंचायत करकी के सरपंच को फोन लगाया गया तो उनका फोन नहीं लगा 

*सरपंच ग्राम पंचायत करकी*