बाबा ईश्वरशाह जी की उपस्थिति में नर्मदा तट पर हुआ भव्य महाआरती ,नर्मदा के दोनों तटो पर उमड़े हजारों की संख्या में हरे माधव सत्संगी ,अमरकंटक सत्संग बिच सतगुरु साहिब ने संगत को बताया पीपल , कमंडल और कल्पवृक्ष 

अमरकंटक । मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में चल रहे 12 एवं 13 अप्रैल 2025 दिन शनिवार एवं रविवार को रामघाट मैदान में हरे माधव परमार्थ सत्संग समिति कटनी , शाखा रायपुर छत्तीसगढ़ की सभी शाखाएं एवं मध्य प्रदेश के तत्वाधान में हाजरॉ हुजूर पारब्रह्म स्वरूप शहंशाह सतगुरु बाबा ईश्वरशाह साहिब जी की कृपा दृष्टि एवं पावन ओट हुजूरी में हरे माधव सत्संग का महत्वपूर्ण धार्मिक एवं आध्यात्मिक विशाल आयोजन दिन रविवार को समाप्त हुआ । आज मौसम भी रंग बदला और खूब हुआ झमाझम बारिश की बरसात । आज का सत्संग काफी लेट प्रारंभ हुआ पर भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ । भजन सिमरन के भंडारी साहिब जी ने सत्संग बिच बताया कि अमरकंटक में संतों की तपस्या हेतु दो सौ साल पुराने पीपल के वृक्ष इस पर्वत में है । यह संतों  की तपस्या का स्थल है , यहां कमंडल भी स्थापित है और इसी क्षेत्र में कल्पवृक्ष का पेड़ भी स्थित है जो एक दिव्य वृक्ष है । समुद्र मंथन में निकले चौदह रत्नों में से एक रत्न कल्पवृक्ष भी है । 
संगत ने बताया कि साहिब जी के सत्संग से यह स्पष्ट हो जाता है कि भक्ति से भगवान तक की डोर पाया जा सकता है । सतगुरु के सत्संग की अमृत वर्षा में डूबकर दो दिवसीय गुरुमुख प्रेमियों ने गुरुवाणी में भीगकर आत्मीय आनंद प्राप्त किया । 
मुंबई से पधारे हरीश सचदेव ने सतगुरु साहिब वाणी को बयां करते हुए बताते है कि हरे का भावार्थ आत्मा , माधव का भावार्थ परमात्मा । आत्मा को परमात्मा में अभेद कर देना ही मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य है । अंतर मुखी सदा सुखी , बाहर मुखी सदा दुखी । सतगुरु की वाणी भक्ति से ही मुक्ति , भक्ति से ही शक्ति , भक्ति से ही शांति । 
सत्संग समाप्ति बाद नर्मदा तट रामघाट के दक्षिण तट पर महाआरती कराया गया । नर्मदा मंदिर के पुजारी द्वारा मंत्रोच्चार कर अन्य पांच ब्राह्मणों द्वारा महाआरती किया गया । महाआरती के पूर्व घाटों पर हजारों की संख्या में दीप प्रज्वलित किया गया । इस पूरे महाआरती कार्यक्रम में अमरकंटक के सेवादार देवानंद खत्री ,  अनिल खत्री एवं शिवम् खत्री का भरपूर सहयोग व सेवा भाव देखा गया । इसी तरह अनेक सेवादारो ने भी अपने कर्तव्यनिष्ठा में तल्लीन रहे । महाआरती में हजारों भक्तों की उपस्थिति रही । महाआरती बाद भजन संध्या , गुरु भजन , कीर्तन आदि सतगुरु सानिध्य में काफी देर रात्रि तक घाटों पर चलता रहा । 
उल्लेखनीय है कि हरे माधव सत्संग के आयोजन में मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य से  हजारो हजारों की संख्या में हरे माधव समाज से जुड़े सत्संगी भक्तगण , अन्य श्रद्धालुजन , नगर के श्रोतागण सभी  कार्यक्रम में शामिल हुए । 
बाहर से आए भक्तों को जिनके रहने हेतु आवास , भोजन एवं सत्संग स्थल सभी व्यवस्थाये कि गई थी । 
पवित्र नगरी अमरकंटक के स्थानीय व्यवस्था प्रभारी देवानंद खत्री एवं अनिल खत्री ने कहा कि 13 अप्रैल रविवार को सत्संग बाद संध्या समय नर्मदा तट रामघाट के दक्षिण तट में गुरुदेव की उपस्थिति में अमरकंटक खत्री परिवार के अलावा पूरे संगत के लोग इस भव्य महाआरती का  आयोजन किया गया जिसमें बाहर से पधारे सेवादारों और स्थानीय भक्त श्रद्धालुओं , गणमान्य  नागरिकों , पत्रकारों आदि महाआरती में सम्मिलित हुए तथा सतगुरु का स्नेह आशीष प्राप्त हुआ ।