इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया भारत रत्न डॉ भीमराव आंबेडकर की 135वीं जयंती,मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ रामकृष्ण कुसमरिया ने भी किया बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया भारत रत्न डॉ भीमराव आंबेडकर की 135वीं जयंती,मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ रामकृष्ण कुसमरिया ने भी किया बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में भारत रत्न डॉ भीमराव आंबेडकर की 135वीं जयंती पर विश्व विद्यालय ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।सभी ने बाबा साहब को याद कर के फूल माला चढ़ा कर पुष्पांजलि अर्पित किया। तत्पश्चात भीम शोभायात्रा निकाली गयी जो आंबेडकर पार्क से शुरू होकर मुख्यद्वार से होती हुई विश्वाविद्यालय के आवसीय क्षेत्र से गुजर कर वापस आंबेडकर पार्क पर समाप्त हुई।वही IGNTU के कुलसाचिव प्रो.मूर्ति,वित्त अधिकारी प्रो. गौरीशंकर महापात्रा, प्रो. विकास सिंह, उच्चतम न्यायालय के वकील आर आर वाग, महाराष्ट्र से पधारे प्रो.विकास जम्बूलकर, सेवा के अध्यक्ष डॉ संतोष कुमार सोनकर, सचिव डॉ अनिल कुमार, कार्यक्रम के संयोजक प्रो. नरसिंह कुमार एवं कई शिक्षक, गैर शैक्षणिक कर्मचारियों सहित सैकड़ों छात्र- छात्राओं ने माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित किया. शाम को आयोजित सांस्कृतिक संध्या में संस्कार धानी द्वारा भीम गीत से पूरा कैम्पस भीममय हो गया।वही दूसरी तरफ आईजीएनटीयू में डॉ. अंबेडकर चेयर द्वारा सामाजिक न्याय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम डॉ. अंबेडकर चेयर द्वारा डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया था।इस समारोह के बाद *“डॉ. बी.आर. अंबेडकर का सामाजिक न्याय का दृष्टिकोण और समकालीन भारत में इसकी प्रासंगिकता”* राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन आईजीएनटीयू प्रशासनिक भवन के अकादमिक हॉल में किया गया। इस संगोष्ठी में प्रतिष्ठित विद्वानों और कानूनी विशेषज्ञों ने आधुनिक समाज पर अंबेडकर के विचारों के स्थायी प्रभाव पर चर्चा की। डॉ अंबेडकर चेयर के अध्यक्ष प्रो. तन्मय कुमार घोराई ने स्वागत भाषण दिया, जिससे अकादमिक चर्चा की दिशा तय हुई। मुख्य भाषण प्रो. विकास जांभुलकर ने दिया, जिन्होंने अंबेडकर के दृष्टिकोण और वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ में इसकी प्रयोज्यता के बारे में विद्वत्तापूर्ण जानकारी दी। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री आर.आर. बाग ने मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और अंबेडकर की विचारधारा के कानूनी आयामों पर जोर दिया। आयोजन समिति में सह-संयोजक डॉ. विमल राज ए, और डॉ. नरेश कुमार सोनकर शामिल थे। अकादमिक सलाहकार सहायक प्रो. कृष्ण सिंह, प्रो. एस.आर. पाढ़ी और प्रो. दिनेश कुमार द्वारा प्रदान की गई। सेमिनार का समापन डॉ. विमल राज ए द्वारा दिए गए औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजक सदस्यों को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में डॉ. अंबेडकर द्वारा परिकल्पित समानता, न्याय और सामाजिक सशक्तिकरण के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए IGNTU की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला गया।