विटामिन-डी हमारे शरीर के संपूर्ण विकास और इसे सेहतमंद बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। यह शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही शरीर में अन्य कई तरह के काम करने में भी मदद करते हैं। विटामिन-डी एक ऐसा पोषक तत्व है, जिसकी शरीर को हड्डियों के निर्माण और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होता है। साथ ही यह शरीर में कैल्शियम अब्जॉर्ब करने में भी मदद करता है। इतना ही नहीं यह विटामिन हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर करने में भी मदद करता है। ऐसे में इसकी कमी शरीर में कई तरह की समस्याओं की वजह बन सकता है।

विटामिन-डी की कमी के लक्षण
थकान
डिप्रेशन
हड्डियों में दर्द
बालों का झड़ना
बार-बार बीमार होना
मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी

विटामिन-डी की कमी के कारण
डॉ. बताते हैं कि एक डॉक्टर के तौर पर, मैं हमेशा ऐसे मरीजों को देखता हूं, जिनमें विटामिन डी की मात्रा बहुत कम होती है। अक्सर, ये कमी जाहिर तौर पर खराब जीवनशैली के कारण होती है। इसका एक प्रमुख कारण सूरज के संपर्क में न आना है। कई लोग, खास तौर पर शहरी इलाकों में, दिन के ज्यादातर समय ऑफिस या घरों में रहते हैं और इस तरह वे UVB किरणों से बच जाते हैं, जो स्किन में विटामिन डी के प्रोडक्शन के लिए जरूरी हैं।

ये भी है मुख्य वजह
वहीं, जो लोग बाहर निकलते हैं, वे शायद ही कभी बिना सनस्क्रीन के बाहर निकलते हैं, जो कि स्किन कैंसर की रोकथाम में जरूरी है, लेकिन विटामिन डी के प्रोडक्शन को काफी कम कर देता है। डॉक्टर ने बताया कि और चीज, जो लोग गलत करते हैं, वह है डाइट से जुड़ी लापरवाही। हालांकि, सूरज विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है, लेकिन फैटरिच फिश, फोर्टिफाइड डेयरी और अंडे की जर्दी जैसे कई फूड्स में विटामिन डी होता है। ऐसे में डाइट में इन फूड्स को शामिल न करने से भी इस विटामिन की कमी होती है।

ये भी हो सकती हैं वजहें
इसके अलावा आंतों से जुड़ी कुछ बीमारियां क्रोहन डिजीज या सीलिएक डिजीज, जो शरीर को फैट अब्जॉर्ब करने से रोकती हैं, इसकी कमी का कारण बन सकती हैं। इसी तरह, उम्र बढ़ने के साथ किडनी विटामिन डी को उसके एक्टिव रूप में बदलने में कम प्रभावी होते हैं, जिससे भी इसकी कमी हो सकती है।