मादा चीतल की पत्थर लोड ट्रक से हुई मौत के मामले में वन विभाग के हाँथ क्यों खाली,आखिर किसको बचाने में जुटा वन अमला - विजय उरमलिया की कलम से

मादा चीतल की पत्थर लोड ट्रक से हुई मौत के मामले में वन विभाग के हाँथ क्यों खाली,आखिर किसको बचाने में जुटा वन अमला
अनूपपुर - विगत माह जिले के शहडोल अमरकंटक मार्ग पर किरर गांव के सजहा टोला में वेयर हाउस के पास एक बड़े अज्ञात वाहन जिसको वन विभाग बता रहा है आज तक उस वाहन तक नही पहुंच सका जबकि स्थानीय लोगों के बताये अनुसार पत्थर से लोड ट्रक ने टक्कर मारी थी जिससे मादा चीतल की मौत हो गई थी उक्त ट्रक तक पहुंचने में वन विभाग को महीना बीतने आ रहा है पर कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति की जा रही है जबकि किसी आम आदमी से यह घटना हुई होती तो उसका वाहन तो राजसात होता ही साथ ही उक्त व्यक्ति को सलाखों के पीछे भी जाना पड़ता पर हमारे सूत्रों की माने तो वाहन मालिक के रसूख और पैसे के बल पर पूरे मामले को निपटाने के प्रयास किया जा रहा है जबकि स्थानीय लोगों को भी पता है गाड़ी किसकी थी यहां तक कि नाम न लिखने की शर्त पर एक वन कर्मी ने भी स्वीकार्य किया है कि गाड़ी किसकी थी अब देखना लाजमी होगा कि आखिरकार वन विभाग चीतल की मौत को दफन कर देता है या दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होती है ये तो आने वाला समय ही बतायेगा जबकि इस पूरे मामले की जांच डिप्टी रेंजर किरर को सौंपी गई है सूत्र तो यहां तक बताते है कि गाड़ी मालिक अपने रसूख और पैसों के दम पर पूरे अमले को अपनी जद में ले लिया है जिसके चलते पूरी जांच कछुए की चाल के साथ साथ गलत दिशा में अज्ञात वाहन के खिलाफ की जा रही है जबकि सब को पता है उक्त वाहन किसका था,बड़ा सवाल यह भी है किरर में वन चौंकी मौजूद होने ले बावजूद वन विभाग को वन चौंकी से कुछ किलोमीटर दूर हुई घटना की जांच में इतनी देरी क्यों हो रही है क्या चीतल की मौत मामले में वाकई में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही हो भी पायेगी या नही अब भी सवाल बना हुआ है जबकि सूत्र बताते है कि क्रेशर संचालक ने सब कुछ मैनेज कर लिया है ऊपर से तो नीचे के वन कर्मी कैसे कार्यवाही को आगे बढ़ाएं आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करना मतलब अपने अधिकारियों की नाराजगी का सामना करना है
इनका कहना है
मुझे जांच अभी 15 तारिक को मिली है जांच कर रहे है जो भी दोषी होगा कार्यवाही होगी
डिप्टी रेंजर किरर