शांति कुटी आश्रम में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा हुई आरंभ ,कथा सुनने से जीवन की सीख, मोक्ष और शांति मिलती है - आचार्य कृष्णकांत जी ,,अमरकंटक में गुरुपूर्णिमा पर भक्तों की पहुंचती है अपार भीड़ - स्वामी रामभूषण ,,संवाददाता - श्रवण उपाध्याय

शांति कुटी आश्रम में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा हुई आरंभ ,कथा सुनने से जीवन की सीख, मोक्ष और शांति मिलती है - आचार्य कृष्णकांत जी ,,अमरकंटक में गुरुपूर्णिमा पर भक्तों की पहुंचती है अपार भीड़ - स्वामी रामभूषण ,,संवाददाता - श्रवण उपाध्याय
अमरकंटक - मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली , पवित्र नगरी अमरकंटक में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी दिव्य और भव्य गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जा रहा है । मोक्ष दायिनी , पाप नाशिनी , पुण्य सलिला मां नर्मदा जी की पुण्य धर्मधरा पर गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पूर्व अमरकंटक के शांति कुटी आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन अनंतश्री विभूषित महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी श्री रामभूषण दास जी महाराज के पावन सान्निध्य में आज शुक्रवार 04/07/2025 से प्रारंभ हो रही कथा एवं व्यासपीठ पर विराजमान बृजवासी (जयपुर) पंडित श्री कृष्णकांत जी शर्मा और प्रमुख यजमान श्रीमती मीनू सर्वेंद्र रस्तोगी मेरठ (उ.प्र.) और श्रीमती अंजली दिनेश शुक्ला बिलासपुर (छ. ग.) के और उक्त समस्त धार्मिक अनुष्ठान के आचार्य पंडित शिवम् चतुर्वेदी चेन्नई के आचार्यत्व में संपन्न हो रहा है । यह कथा आज 4 जुलाई से 10 जुलाई तक रोजाना सायं 4 से 7 बजे तक कथा का श्रवण किया जा सकता है ।
आश्रम से निकली कलश शोभायात्रा
शांति कुटी आश्रम के स्वामी जी और कथा ब्यास जी के सानिध्य में शांति कुटी आश्रम के मंदिर दर्शन बाद माथे पर श्री भागवत पुराण रख और महिलाएं कलश लिए नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए नर्मदा उद्गम मंदिर पहुंच वहां पर उपस्थित पुजारियों ने श्री भागवत पुराण और कलश की विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन कराकर कुंड से कलश में जल भर कर मां नर्मदा मैया का दर्शन , पूजन बाद प्रांगण परिक्रमा करते हुए वापस ढोल नगाड़ों की धुन पर नगर के बीचों बीच पैदल चलते हुए वापस शांति कुटी आश्रम पहुंच कलश स्थापना बाद सायं सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा आरम्भ किया गया ।
बारिश बीच निकली कलश शोभा यात्रा
बरसात का समय तो चल ही रहा है लेकिन रात्रि समय से अमरकंटक क्षेत्र में लगातार बारिश हो ही रही थी परंतु जब सुबह लगभग 9.30 बजे आश्रम से श्री भागवत पुराण और कलश यात्रा निकलनी थी परंतु बारिश निकलने का नाम ही नहीं ले रही थी । जब बारिश कुछ कम हुई तब भक्तों ने गुरु संत,कथा व्यास,भक्तगण,नगर वासी ढोल नगाड़ों की धुन पर कलश यात्रा निकाल कर भक्ति , भाव और श्रद्धा पूर्वक बारिश के बीच ही यात्रा पूर्ण की गई । संत जी के सानिध्य में यात्रा बीच रिमझिम बारिश भी भक्ति और उमंग बरसा रही थी । बारिश का जितना झोंका आए उतना ही भक्तों में आनंद और उमंग बढ़े ।
आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी को नर्मदा तट रामघाट पर नर्मदा पूजन , दीपदान और महाआरती 6 जुलाई को की जाएगी जिसके यजमान श्रीमती संगीता सुरेश पांडेय चांपा (छ. ग.) होंगे । आश्रम में ध्वज पूजन और ध्वजा रोहण 07 जुलाई को श्रीमती सरोज रमेश पोद्दार मनेंद्रगढ़ ( छ. ग.) प्रमुख यजमान द्वारा किया जावेगा ।
शांति कुटी आश्रम के श्रीमहंत स्वामी रामभूषण दास जी महाराज ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर्व गुरुओं के प्रति सम्मान एवं कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर होता है साथ
ही महर्षि वेद व्यास जी का जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है जिन्होंने वेदों और पुराणों की रचना की थी ।
गुरु पूर्णिमा पर भक्त काफी ज्यादा संख्या में अमरकंटक के अनेक आश्रमों पर भक्त पहुंचते है । शिष्य अपने गुरुओं की पूजा करते है , उनके चरण वंदन (छूकर) कर आशीर्वाद लेते है और शिष्य अपने गुरुओं को यथाशक्ति दक्षिणा , वस्त्र , फल , फूल आदि भेंट करते है साथ ही गुरुओं के आदेश का पालन करते है ।
कथा ब्यास आचार्य कृष्णकांत शर्मा जी कहते है कि जो भी भक्त , लोग भागवत बीच बैठ कर कथा का श्रवण करता है उसे जीवन जीने की सीख मिलती है । मोक्ष का रास्ता और शांति मिलती है साथ ही पाप नष्ट होते है ।