नई दिल्ली । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के मौजूदा हालात को चिंताजनक करार देते हुए बुधवार को भाजपा एवं आरएसएस पर तीखा प्रहार किया और पूछा कि वे हिंदू धर्म के नाम पर लोगों को कब तक भड़काते रहेंगे और क्या वे हिंदू राष्ट्र बनाकर देश को एक रख पाएंगे? गहलोत ने ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ और सेना में अल्पकालिक भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना का हवाला देते हुए कहा कि देश ने ऐसी परिस्थिति पहले कभी नहीं देखी थी। 
उन्होंने कहा राहुल गांधी से पांच दिनों तक 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई, ऐसा इससे पहले देश में कभी नहीं हुआ। राहुल ने जिस तरह से ईडी का सामना किया वह भी बेमिसाल है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने कहा पुलिस का रवैया जिस प्रकार का था उसकी कोई मिसाल नहीं मिलती। ऐसा पहली बार है कि पुलिस ने हमारे नेताओं और खासकर महिला नेताओं के साथ बदसलूकी की। पहली बार हम पुलिस का यह आतंक देख रहे हैं। 
यह इस बात का पूर्वाभ्यास है कि जब तानाशाही आएगी तब पुलिस को किस तरह से व्यवहार करना है? उन्होंने कहा ऐसा कभी नहीं हुआ कि पुलिस कांग्रेस मुख्यालय में घुस जाए और कार्यकर्ताओं एवं पत्रकारों की पिटाई करे। राजस्थान में भाजपा आंदोलन करती है तो क्या वहां आपकी तरह हमारी पुलिस भी भाजपा कार्यालय में घुसे और दुर्व्यवहार करे? यह आप कौन सी परंपरा कायम कर रहे हैं? यह ठीक नहीं है। 
गहलोत ने कहा मैं आरएसएस और भाजपा के लोगों से पूछना चाहता हूं कि आप कब तक हिंदू धर्म के नाम पर लोगों को भड़काते रहोगे? हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान धर्म के नाम पर बना, क्या कारण है कि उसके दो टुकड़े हुए? पाकिस्तान से अलग बांग्लादेश क्यों बना जबकि दोनों जगह एक ही धर्म के लोग थे? धर्म के नाम पर देश बन सकता है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि वह कायम रहेगा। उन्होंने कहा क्या हिंदू राष्ट्र बनाकर देश को आप एक रख पाएंगे? ये अभी अनुसूचित जाति और आदिवासी लोगों को गुमराह कर रहे हैं। मैं आरएसएस के लोगों को बचपन से देख रहा हूं। इन लोगों ने कभी अनुसूचित जाति के लोगों को गले नहीं लगाया। ये गांधी को नहीं मानते थे, अब उनकी तस्वीर लगा रहे हैं। आरएसएस पर सरदार पटेल ने प्रतिबंध लगाया तो इन लोगों ने माफी मांगी कि वे राजनीति में नहीं आएंगे। अब ये लोग पटेल की प्रतिमा लगा रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि युवा भर्ती की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अचानक से नई योजना लाई गई, जिससे युवा आंदोलित हो गए। उन्होंने कहा कि युवाओं को अहिंसक आंदोलन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई सैन्य अधिकारी कह रहे हैं कि यह योजना खतरनाक है।