10 दिनों से लापता नाबालिक अंजली यादव का मामला ठंडे बस्ते पर

फिर उठी अनूपपुर पुलिस की कार्य शैलियों पर उंगलियां
अनूपपुर। 
एक तरफ पुलिस जन सेवा देश भक्ति करने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदारी से काम करने में पुलिस असफल दिखाई दे रही है और अपराधियों को संरक्षण दे रही है, 10 दिनों से लापता नाबालिक लड़की अंजली यादव को पुलिस ढूंढने में कोई रुचि नहीं ले रही है, जबकि माता पिता ने अनूपपुर कोतवाली से लेकर अनूपपुर पुलिस अधीक्षक तक के पास फरियाद लगायी है फिर भी पुलिस बेबस माता पिता की फरियाद सुन नहीं रही है। अंजली यादव ग्राम पंचायत कांसा कोड़ा की निवासी हैं, उसकी उम्र महज 14 वर्ष है जो कि एक नाबालिग लड़की है. जिसके माता पिता मजदूरी करके अपना भरण पोषण करते हैं, लड़की के माता पिता मजदूरी करने चले गये थे, लड़की घर पर थी 16/2/2024 के दिन स्कूल की छुट्टी थी, शाम को जब मां शाम को घर पर आती है तो अपनी बच्ची को न देखकर इधर उधर ढूंढने लगती है, फोन भी लगाती है लेकिन फोन बंद बताने से परेशान हो जाती है, तब उसी समय उन्हीं के गांव का व्यक्ति सूबे लाल चैधरी उनको बताता है कि आपकी बच्ची अंजली यादव को सुनील चैधरी और मोहन लाल चैधरी अपने दो पहिया वाहन पर बैठाकर ले गये है, जब परिजन को यह पता चलती है, तब परिजन अनूपपुर कोतवाली पर आकर रिपोर्ट दर्ज करवाते हैं, लेकिन पुलिस द्वारा अपने मनमाने रवैए के तहत अंजली यादव को ले जाने वाले व्यक्तियों के नाम न दर्ज कर थ्प्त् कापी पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य दर्ज कर देते हैं, जो कि एक सवाल को जन्म देने वाला मामला आता है कि आखिर पुलिस के द्वारा नाम क्यों नहीं रिपोर्ट पर दर्ज किया जा रहा है. या फिर पुलिस को सब पता है। अनूपपुर पुलिस के टील दाल रवैये से परेशान होकर परिजनों ने मामला अनूपपुर पुलिस अधीक्षक के पास भी रखा लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, इसके कुछ दिन बाद उनके गांव पर राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल का भी भ्रमण हुआ, मामला उनके संज्ञान पर भी आया तब उन्होंने अनूपपुर पुलिस अधीक्षक को भी फटकार लगाते हुए कहा की बच्ची को जल्द जल्द से ढूंढकर माता पिता को सौंपा, लेकिन उस फटकार से भी पुलिस प्रशासन अब तक नहीं जागा, माता पिता अपनी बच्ची के लिए दर दर भटक रहे हैं लेकिन अंजली को ढूंढने में पुलिस की रुचि नहीं दिखाई दे रही है।