Assembly Elections 2023 मानसून सत्र में बघेल सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाकर बीजेपी ने सभी को सरप्राइज कर दिया. इसमें कामयाबी या नाकामी महज मन का भ्रम है, असल में इसी के बहाने अपनी चुनावी तैयारी को जांचना परखना चाहती थी, जिसमें वो कामयाब रही.

अब अविश्वास प्रस्ताव में उठाए गए मुद्दों के आधार पर बीजेपी भूपेश बघेल सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की तैयारी में है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 साल के अंत में होने हैं. इसके पहले लगातार विपक्ष सरकार पर हमलावर है. सत्ता पक्ष भी विपक्ष के आरोपों पर जोरदार पलटवार कर रहा है. इस बीच सदन में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ले आया. इसमें 109 बिंदु तय किए गए हैं. इन 109 बिंदुओं में सरकार की खामियों को कायदे से गिनाया गया है. कयास लगाया जा रहा है कि इन्हीं 109 बिंदुओं को लेकर विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा छत्तीसगढ़ की जनता के बीच जाएगी और इसे चुनावी मुद्दा बनाएगी. ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव में लाए गए 109 बिंदुओं का आगामी विधानसभा चुनाव में क्या प्रभाव पड़ेगा, कांग्रेस और भाजपा को इसका कितना नफा नुकसान होगा, आईए जानने की कोशिश करते हैं.

अविश्वास प्रस्ताव के प्रमुख मुद्दे: सबसे पहले बात करते हैं अविश्वास प्रस्ताव में लाए गए 109 बिंदुओं की. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के मुताबिक इन 109 बिंदुओं में प्रमुख रूप से भ्रष्टाचार, घोटाले, कोयला, शराब, राशन, पीएससी, व्यापम घोटाला, डीएमएफ घोटाला, मनरेगा घोटाला, सीमेंट घोटाला और आत्मानंद स्कूल में घोटाला शामिल हैं.

अविश्वास प्रस्ताव के 109 प्वाइंट बनेंगे चुनावी हथियार: बघेल सरकार के खिलाफ 109 प्वाइंट को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्ही बिंदुओं के आधार पर भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलेगी. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास कांग्रेस की साढ़े चार साल की सरकार पर सभी वर्ग को छलने का आरोप भी लगाया.

प्रदेश का हर वर्ग सरकार से दुखी है. सारे वर्ग के दुख तकलीफ को हमने अविश्वास प्रस्ताव में शामिल किया है. सरकार के बड़े भ्रष्टाचार का हमने खुलासा किया है. ये वो महत्वपूर्ण विषय हैं, जिन्हें जनता के बीच लेकर हम जाएंगे. अविश्वास प्रस्ताव लाकर हमने सरकर को विधानसभा में एक्सपोज करने का काम किया है. निश्चित तौर पर यह बिंदु आने वाले चुनाव में हमारे लिए कारगर सिद्ध होंगे. इस सरकार को उखाड़ फेंकने में यह हमारे लिए ब्रह्मास्त्र का काम करेंगे. -गौरीशंकर श्रीवास, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

भाजपा चुनाव में उपस्थिति दर्ज कराने का कर रही प्रयास- कांग्रेस: भाजपा के आरोपों का जवाब देने के लिए कांग्रेस ने भी कमर कस रखी है. कांग्रेस भी लगातार विपक्ष के 15 साल में किए गए घोटालों को एक-एक कर उजागर कर रही है. साढ़े साल 4 साल में किए गए कार्यों को जनता के बीच गिना रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अमित श्रीवास्तव ने भाजपा पर साढ़े चार साल तक गायब रहने का आरोप लगाया.

पिछले साढ़े 4 साल से छत्तीसगढ़ से बीजेपी गायब थी. चुनाव को देखते हुए जनता के बीच में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए और अपनी अहमियत बताने के लिए इस तरह के आरोप पत्र लेकर जनता के बीच जा रही है. छत्तीसगढ़ की जनता इन सारी चीजों को बेहतर तरीके से समझती है. छत्तीसगढ़ के जनमानस का विश्वास बीजेपी पूरी तरह से खो चुकी है. पिछले साढे़ 4 साल में किए गए काम की वजह से इस बार चुनाव में हम 75 सीट पार करेंगे. -अमित श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
विपक्ष का हथियार है अविश्वास प्रस्ताव: राजनीति के जानकार भी अविश्वास प्रस्ताव के 109 बिंदुओं के मुद्दे पर भाजपा की ओर से चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं. लगभग 100 दिन विधानसभा चुनाव को बचे हुए हैं. निश्चित तौर पर भाजपा हर स्तर पर अपनी लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ना चाह रही है. इसलिए 109 बिंदुओं को लेकर भाजपा के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. इसमें प्रमुख रूप से घोषणा पत्र के मुद्दे शामिल होंगे, जिसमें से अधिकांश वादे पूरे कर लिए गए हैं लेकिन शराबबंदी सहित कई वादे ऐसे हैं जो अभी अधूरे हैं. इन्हीं मुद्दों को लेकर बीजेपी सरकार को घेरेगी.

अविश्वास प्रस्ताव संवैधानिक रूप से विपक्ष का अधिकार है. प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है. खेती किसानी को लेकर भी चर्चा होगी, क्योंकि किसान के मुद्दे के जरिए कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई. भ्रष्टाचार का मुद्दा भी हावी रहेगा. भ्रष्टाचार का ब्रह्मास्त्र किस पर चलेगा यह अलग बात है, लेकिन यह भी चर्चा में रहेगा. अवैध रेत उत्खनन का मामला भी मुद्दे में है, जो सदन से लेकर आगामी विधानसभा चुनाव पर अपना असर दिखाएंगे. -अनिरुद्ध दुबे, राजनीतिक जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार

भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाकर भाजपा ने चुनावी तैयारी को परख लिया है. अब इन्हीं 109 प्वाइंट को मुद्दा बनाकर भाजपा कांग्रेस को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. हालांकि ये सारे मुद्दे जनता के दिलों दिमाग पर क्या असर डालते हैं, ये तो चुनाव में ही पता लग पाएगा.