दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने (Anti Corruption Branch) ने दिल्ली जल बोर्ड में हुए 20 करोड़ के घोटाले के मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. एसीबी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी राजेंद्रन नायर हैं जो ऑरम ई पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड  का मालिक और डायरेक्टर था. दूसरा आरोपी गोपी कुमार केडिया का सीएफओ है. गिरफ्तार तीसरे आरोपी के नाम डॉक्टर अभिलाष पिल्लई है. ये फ्रेश पे इट सॉल्यूशन  का डायरेक्टर था. साथ ही ये ऑरम ई पेमेंट कंपनी  में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता  भी था.

आरोप है कि इन लोगों ने जलबोर्ड के विभिन्न क्योस्क के जरिये करोड़ों रुपये इकट्ठे करने के बाद जलबोर्ड के खातों में रकम न भेज अपने खातों में भेजा। बाद में जब रकम जमा की गई तो इसमें करोड़ों का अंतर पाया गया। छानबीन के बाद रुपयों की हेराफेरी के आरोपों को सही पाते हुए एसीबी ने कार्रवाई कर इन लोगों को गिरफ्तार किया है।

संयुक्त आयुक्त और एसीबी प्रमुख मधुर वर्मा ने बताया कि वर्ष 2012 में जलबोर्ड ने कॉर्पोरेशन बैंक को तीन साल के लिए पानी का बिल एकत्रित करने के लिए अधिकृत किया था। बैंक ने इसकी जिम्मेदारी निजी कंपनी फ्रेश-पे आईटी सॉल्यूशन को दे दी। कंपनी ने भी कैश कलेक्शन की जिम्मेदारी सहयोगी कंपनी ऑरम ई-पेमेंट्स व अन्यों को दे दी। अनुबंध की समय सीमा समाप्त होने के बाद उसे समय-समय पर बढ़ा दिया गया।

इस दौरान 2019 में गड़बड़ी का खुलासा हुआ तो भी उनके पास यह अधिकार जारी रखा गया। आरोप लगे कि जलबोर्ड के अधिकारियों ने निजी कंपनी व बैंक के साथ मिलकर करोड़ों की हेराफेरी की। मामला संज्ञान में आने के बाद सितंबर 2022 में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस संबंध में मुख्य सचिव को जांच करवा कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।