नई दिल्ली । तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि केजरीवाल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञों से बात कराई थी। इस दौरान न तो केजरीवाल ने इंसुलिन का मुद्दा उठाया और न ही डॉक्टरों ने इंसुलिन का सुझाव दिया। जेल प्रशासन के मुताबिक एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने केजरीवाल को आश्वस्त किया कि कोई गंभीर समस्या नहीं है। विशेषज्ञों ने उन्हें निर्धारित दवाएं जारी रखने की सलाह दी जिनका नियमित तौर पर मूल्यांकन और समीक्षा की जाएगी। जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार के बीच गहमागहमी तेज हो गई है। केजरीवाल को इंसुलिन न दिए जाने को लेकर पार्टी के नेता लगातार केंद्र सरकार और तिहाड़ जेल प्रशासन पर हमला बोल रहे हैं। इस बीच तिहाड़ जेल प्रशासन का बड़ा बयान सामने आया है। प्रशासन का कहना है कि बीते दिन शनिवार को केजरीवाल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञों से बात कराई थी। इस दौरान न तो केजरीवाल ने इंसुलिन का मुद्दा उठाया और न ही डॉक्टरों ने इंसुलिन का सुझाव दिया। जेल प्रशासन के मुताबिक एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने केजरीवाल को आश्वस्त किया कि कोई गंभीर समस्या नहीं है। विशेषज्ञों ने उन्हें निर्धारित दवाएं जारी रखने की सलाह दी जिनका नियमित तौर पर मूल्यांकन और समीक्षा की जाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञ के अलावा, आरएमओ तिहाड़ और एमओ तिहाड़ मौजूद थे। एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञ ने सीजीएम (ग्लूकोज मॉनिटरिंग सेंसर) का पूरा रिकॉर्ड और केजरीवाल द्वारा ली जा रही डाइट और दवाओं का विवरण मांगा। वहीं केजरीवाल को जेल में इंसुलिन न दिए जाने को लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता आतिशी तिहाड़ जेल के बाहर इंसुलिन लेकर पहुंची हैं। आतिशी का कहना है कि वो तिहाड़ जेल प्रशासन को इंसुलिन की डोज सौंपना चाहती हैं। इस मौके पर आम नेताओं के साथ ही पार्टी के समर्थक भी तिहाड़ जेल के बाहर इकट्ठा हो गए। सभी लोग केजरीवाल को इंसुलिन देने की मांग करने लगे।  मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल 22 साल से शुगर के मरीज हैं और वो पिछले 12 साल से इंसुलिन ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई डॉक्टर ही नहीं कहेगा कि 300 के शुगर लेवल वाला मरीज इंसुलिन नहीं लेगा।