नई दिल्ली । राजधानी के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में नर्सरी, केजी और पहली की खाली सीटों पर ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर दाखिला मिलेगा। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को कहा कि प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षा में छात्रों की अधिकतम क्षमता 40 है।वहीं, ऐसे छात्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिन्होंने स्थानांतरण के लिए आवेदन किया हो। इसके साथ ही प्रधानाचार्यों को स्कूल के मुख्य द्वार, प्रधानाचार्य कार्यालय, हेल्प डेस्क और नोटिस बोर्ड में खाली सीटों का जानकारी चस्पा करनी होगी। वहीं, स्कूल मित्र और स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य भी खाली सीटों के बारे में क्षेत्र में बताएंगे।

एक बच्चा जब सुबह घर से स्कूल आता है, तो बहुत ऊर्जावान और उत्सुकता से भरा होता है। उसकी इस ऊर्जा व उत्सुकता को बरकरार रखते हुए उसका इस्तेमाल उसे कुछ सिखाने में किया जाए, इसके लिए जरूरी है कि हम पढ़ने-पढ़ाने के तरीके में कुछ बदलाव लाएं।

शिक्षा मंत्री ने छात्रों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों सहित अन्य आर्ट-वर्क की प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली आर्ट्स करिकुलम के विभिन्न आर्ट फार्म से सीखना उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास रहा है, जिसने बच्चों की सीखने की उत्सुकता को बरकरार रखते हुए उन्हें अपने कौशल को पहचानने व आत्मविश्वास के साथ खुद को अभिव्यक्त करना सिखाया है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाई को अब और ज्यादा रोचक बनाया जा रहा है। बच्चों को हिंदी-अंग्रेजी, गणित व अन्य विषयों को केवल किताबों से नहीं, बल्कि गाने, नृत्य, नाट्य और कला के माध्यम से सिखाया जाता है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली आर्ट्स करिकुलम का पायलट फेज सफल रहा है और आगे इसे अपने अन्य स्कूलों में भी अपनाया जाएगा। नौ माह के पायलट प्रोजेक्ट के दौरान इसमें चार हजार छात्र शामिल हुए। दिल्ली आर्ट्स करिकुलम छात्रों को कला शिक्षा देने के तरीकों में बदलाव लाने के उद्देश्य से शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। यह करिकुलम तीन से 13 वर्ष के छात्रों पर केंद्रित करते हुए तैयार किया गया है, जहां पढ़ाने के मौजूदा तरीकों को पांच आर्ट फार्म से जोड़ा गया है। ये पांच आर्ट फार्म विजुअल आर्ट्स, संगीत,नृत्य,नाट्य व मीडिया आर्ट्स हैं।