नई दिल्ली । बेरोजगार लड़के-लड़कियों ने नौकरी के लिए कई पोर्टल में अपने बायो डेटा अपलोड किए थे। कुछ समय बाद उनके पास कॉल आया। दिल्ली मेट्रो में जॉब के लिए बुलाया गया। इंटरव्यू हुए और ऑफर लेटर दिया गया। एक महीने के भीतर 20 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक का चूना लगाया। इसके बाद ऑफिस में ताला लगाकर आरोपी फरार हो गए। तीस से ज्यादा पीड़ितों ने पुलिस से गुहार लगाई, जिसने अपनी जांच में गड़बड़झाला बड़े लेवल का पाया। इसे आर्थिक अपराध शाखा को ट्रांसफर कर दिया, जिसने शुरुआती जांच के बाद मंगलवार को केस दर्ज कर लिया है। पुलिस अफसरों ने बताया कि नौकरी की तलाश में वेबसाइट में सीवी अपलोड करने वाले लड़के-लड़कियों को इस साल जनवरी-‌फरवरी में दिल्ली मेट्रो में जॉब के लिए कॉल आए। नेहरू प्लेस के देविका टावर में डिगी रिक्रूटर सर्विसेज और इनफॉसिस रिक्रूटर सर्विसेज नाम की कंपनी के ऑफिस में बुलाया गया। रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसा लिया गया। इसके बाद अलग-अलग चार्ज में रकम ऐंठी गई, जिसकी रिसिप्ट भी दी गई। सभी को दिल्ली मेट्रो का ऑफर लेटर भी सौंप दिया, जिन्हें अलग-अलग मेट्रो स्टेशन में जॉइन करने को कहा गया। द्वारका निवासी एक पीड़िता ने बताया कि ऑफिस में सिर्फ लड़कियां बैठती थीं। अपने जाल में इस तरह से फंसाती थी, जैसे नौकरी पक्की हो। इसी में फांस कर उनसे एक लाख 20 हजार रुपये ऐंठ लिए। द्वारका में ही रहने वाली उनकी एक फ्रेंड ने डेढ़ लाख रुपये दे दिए। इस तरह से काफी लड़के-लड़कियां उनके चंगुल में फंस गए। ये सीवी से पता लगा लेते थे कि कैंडिडेट किस इलाके में रहता है। इसके बाद उससे मिल कर फैमिली की बैकग्राउंड जान लेते थे। इसके हिसाब से ही नौकरी के लिए पैसों की डिमांड करते और पैसा वसूलते थे।