लखनऊ । समाजवादी पार्टी प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव अब भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने सॉफ्ट हिंदुत्व का रास्ता अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। पार्टी ने कई मंदिरों में हवन पूजन और ट्रेनिंग की योजना बनाई है। खास बात है कि बीते चार चुनावों में सपा कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सकी है। सपा की कोशिशों को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। आम चुनाव से पहले सपा ने प्लान हिंदुत्व के पहले चरण के लिए लखीमपुर खीरी जिले के देवकली को चुना है। देवकली का संबंध महाभारत से भी है। मंदिर से सटे कॉलेज परिसर में सपा दो दिनों के ट्रेनिंग कैंप का भी आयोजन करेगी। इसके बाद पार्टी देवकली से करीब 100 किमी दूर नेमीशरण धाम की ओर जाने वाली है। सीतापुर जिले की इस जगह पर सपा दूसरे चरण का ट्रेनिंग कैंप 9 और 10 जून को आयोजित करेगी।
संभावनाएं हैं, अखिलेश सहित सपा के कई वरिष्ठ नेता नेमीशरण में हवन कर सकते हैं। सपा विधायक रामपाल यादव ने कहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित पार्टी के सभी नेता नेमीशरण धाम का दौरा कर ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत से पहले हवन करने वाले हैं। चक्रतीर्थ, ललिता देवी मंदिर और व्यास गद्दी में धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे। खास बात है कि चार लोकसभा क्षेत्र सीतापुर, धौराहरा, मिशरीख और मोहनलालगंज नेमीशरण धाम के पास हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने नेमीशरण के लिए धार्मिक पर्यटन बनाने की योजना बनाई है। 
सपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, बीते साल विधानसभा चुनाव में सपा को मुस्लिम वोट मिल गए थे, लेकिन पार्टी भाजपा को सत्ता से नहीं हटा सकी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जब सपा और बसपा ने साथ लड़ा, तब पूरे मुस्लिम समुदाय ने गठबंधन को वोट दिया, तब भी हम 80 में से केवल 15 सीटें जीत सके थे। उन्होंने कहा, अब जब अयोध्या में राम मंदिर बना रहा है, तब एक मजबूत हिंदू-मुस्लिम ध्रुविकरण 2024 में विपक्ष की जीत की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद भाजपा को हराने के लिए सपा केवल अल्पसंख्यक मतों पर निर्भर नहीं रहना चाहती और चाहती है कि समाज के सभी वर्ग उसके लिए वोट करें।