सीधी ।   प्रदेश में बार-बार मानवता शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। एक बार फिर ऐसा ही सिंगरौली में हुआ है जहां एक आदिवासी युवती के शव को घर ले जाने एंबुलेंस तक नसीब नहीं हो पाई है। इसके बाद स्वजनों ने मजबूरी में खाट पर ही युवती का शव रखकर 10 किलोमीटर दूर तक ले गए लेकिन एक समाजसेवी प्रेम भाटी सिंह ने देखा तो उसकी मानवता जागी और उसने अपने निजी वाहन से शव को मृतका के घर तक पहुंचाया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो रहा है जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग को लेकर फिर चर्चाएं उठ रही हैं और इसे मानवता को शर्मशार करने वाली घटना बताई जा रही है जिसमें स्वजनों द्वारा एंबुलेंस की मांग किए जाने के बाद भी वाहन नहीं मिलने पर सरकारी व्यवस्था की लापरवाही सामने आ रही है।

यह है मामलाः

घटना सीधी और सिंगरौली जिले से जुडी है। जिसमें सीधी जिले के भूमिमाड थाना अंतर्गत केसलार गांव के आदिवासी परिवार की युवती शांति सिंह की अचानक तबीयत खराब हो गई थी जिसके बाद उसे उसके स्वजनों द्वारा सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र के सरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए ले जाया गया और इलाज कराकर वापस उसके नाना के घर ले आए, लेकिन अचानक फिर तबीयत अधिक खराब होने पर उसकी मौत हो गई। बताया गया कि 22 वर्षीय शांति सिंह अपने नाना के घर घूमने गई थी जहां उसकी तबीयत खराब हो गई। मौत के बाद स्वजन उसके शव को गांव से उसके घर सीधी के केसलार गांव ले जाने के लिए स्वास्थ्य केंद्र सहित सरई थाना पुलिस से भी एंबुलेंस की मांग करते रहे लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। जिसके बाद स्वजन मजबूरी में खाट पर रखकर ही शव को गांव से युवती के गांव तक ले जाने विवश हुए। खाट पर शव रखकर वे ले ही जा रहे थे कि किसी ने यह वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया में प्रसारित कर दिया जिसके बाद यह मानवता को तार-तार करने वाला मामला लोगों तक पहुंच रहा है और लोग सरकारी व्ववस्था को कोस रहे हैं।