कोलकाता । पश्चिम बंगाल से बीजेपी ने अनंत महाराज को अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। अगर वह निर्वाचित होते हैं तो राज्य विधानसभा से चुने जाने वाले पहले बीजेपी राज्यसभा सांसद होंगे। गौरतलब है ‎कि 1952 में आचार्य देब प्रसाद घोष जनसंघ की ओर से बंगाल से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। अनंत महाराज ग्रेटर कूच बिहार पीपल्स असोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। वैसे उनका नाम अनंत राय है, लेकिन वह खुद को ग्रेटर कूच बिहार का महाराज बताते हैं, इसलिए उन्हें अनंत महाराज कहा जाता है। वह उत्तरी बंगाल के कूचबिहार जिले को अलग राज्य बनाने की मांग करते रहे हैं। अनंत राय को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया तो इसी वजह से टीएमसी को बीजेपी पर निशाना साधने का मौका भी मिल गया। टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने अनंत महाराज की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम तो लंबे वक्त से कह रहे हैं कि बीजेपी उत्तरी बंगाल में अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा दे रही है और राज्य को बांटना चाहती है। वह राजबंशी समुदाय से हैं। पश्चिम बंगाल में इस समुदाय की अच्छी खासी संख्या है। यह राज्य में दूसरा सबसे बड़ा अनुसूचित जाति समुदाय है।
इधर अनंत राय का कहना है कि उनकी राजनीति का एक ही मकसद है ग्रेटर कूच बिहार को अलग राज्य बनाना। हालां‎कि 2019 में वह कूच बिहार में हुई एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर दिखे थे। जब ममता बनर्जी ने 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की तो उसके बाद एक कार्यक्रम में मंच पर ममता बनर्जी के साथ भी अनंत राय दिखे थे। लेकिन ग्रेटर कूच बिहार के नाम पर टीएमसी से उनकी दूरी बढ़ गई। अनंत राय दावा करते हैं कि उनके 18 लाख से ज्यादा समर्थक हैं। वह जिस समुदाय से आते हैं उसका पश्चिम बंगाल की आठ लोकसभा सीटों पर प्रभाव माना जाता है।