B20 समिट के दौरान टाटा समूह के मुखिया एन चंद्रशेखरन ने एक देश के रूप में भारत की मजबूती और संभावनाओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता पर भी अपने विचार रखे। बी20 इंडिया के प्रमुख एन चंद्रशेखरन ने शुक्रवार को कहा कि भारत डिजिटल व कृत्रिम मेधा (AI), ऊर्जा और मूल्य आपूर्ति शृंखला के वैश्विक बदलाव का नेतृत्व करने के लिए अच्छी स्थिति में है और देश की वृद्धि का सफर दुनिया के भविष्य को आकार देगा। बिजनेस 20 (बी20) वैश्विक कारोबारी समुदाय के लिए जी20 का आधिकारिक चर्चा मंच है।

बी20 समिट इंडिया 2023 को संबोधित करते हुए चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत की वृद्धि का सफर एक प्रतीक बनकर उभरा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सकारात्मक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था विपरीत परिस्थितियों, दशकों के सबसे कठिन दर चक्र और सार्वजनिक ऋण के रिकॉर्ड स्तर पर होने जैसी चुनौतियों का सामना कर रही हैं। चंद्रशेखरन टाटा संस के चेयरमैन भी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया वर्तमान में तीन महत्वपूर्ण मूलभूत परिवर्तनों से गुजर रही है। पहला डिजिटल व कृत्रिम बुद्धिमत्ता बदलाव, दूसरा ऊर्जा बदलाव और तीसरा वैश्विक मूल्य आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव...भारत इन तीनों का नेतृत्व करने के लिए बेहद अच्छी स्थिति में है।’’

टाटा समूह के मुखिया ने कहा कि भारत आने वाले दस वर्षों में औसतन सात प्रतिशत सालाना की विकास दर हासिल करने की राह पर है। हमारा देश वैश्विक वैल्यू चेन में प्रमुख भूमिका निभाने की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि भारत के पास फिलहाल कई ऐसी विशेषताएं हैं जो उसके पक्ष में काम कर रहीं हैं। चंद्रशेखरन ने कहा कि विशेष रूप से उस सप्ताह के दौरान सभा को संबोधित करना एक "बड़ा सौभाग्य" है, जब भारत ने चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग की। 

उन्होंने कहा कि चंद्रमा लंबे समय से आकांक्षा का प्रतीक रहा है, "जब हम असंभव के लिए प्रयास करना चाहते हैं हम कहते हैं कि चंद्रमा की ओर निशाना साधें।" सहस्राब्दियों से, भारत के महानतम कवियों ने चंद्रमा पर ध्यान केंद्रित किया और हमारे और चंद्रमा के बीच अथाह दूरी पर आश्चर्य व्यक्त किया है।

चंद्रशेखरन ने आगे कहा, 'लेकिन आज हम चांद को एक नई रोशनी में देखते हैं। पिछले हफ्ते, लाखों भारतीयों और दुनिया भर के लोगों ने टेलीविजन या ऑनलाइन लैंडिंग देखी। उनके लिए चंद्रमा आकांक्षा के प्रतीक से उपलब्धि के प्रतीक में बदल गया है। उन्होंने कहा, 'हर रात ऊपर की ओर एक साधारण सी नजर इस बात की याद दिलाती है कि एक राष्ट्र के रूप में हमने क्या हासिल किया है और हम भविष्य में क्या हासिल करने में सक्षम हैं।