नई फैक्ट्रियां लगने से बढ़ेगा रोजगार

बीना में अभी 535 वर्गमीटर क्षेत्रफल के लगभग 150 प्लांट खाली हैं। प्लांट के अगले चरण की विस्तार योजना में इन प्लांट पर प्लास्टिक उत्पादों की फैक्ट्रियां लगाई जाएंगी, जिसमें बड़ी संख्या में मानव संसाधन या श्रम की जरूरत होगी। प्लास्टिक आधारित फैक्ट्री स्थापित होने से बुंदेलखंड के लोगों का रोजगार के लिए अन्य राज्यों की ओर पलायन रूकेगा। परियोजना के माध्यम से लगभग दो लाख लोगों को अस्थाई रोजगार दिया जाएगा, जिससे क्षेत्र की गरीबी दूर होगी। तकनीकी दक्षता के साथ ही बीना रिफाइनरी से उत्पादों के विपणन और मार्केटिंग से जुड़े रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। जब यह कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार हो जाएगा तो इसके ऑपरेशन सहित प्रशासनिक कामों के लिए लगभग 500 लोगों को परमानेंट जॉब मिलेगी। अभी बीना रिफाइनरी में लगभग 560 कर्मचारी और अफसर कार्यरत हैं। मालूम हो कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) विश्व की 500 कंपनियों में शामिल है। यह देश की दूसरी सबसे बड़ी भारतीय तेल विपणन कंपनी है। 

गुजरात, राजस्थान और यूपी बड़ा मार्केट

एक अनुमान है कि पेट्रो केमिकल्स की मांग 2035 तक विश्व में 32 करोड़ मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगी। देश में पेट्रो केमिकल्स की भारी डिमांड है। अभी तक ज्यादातर मांग विदेशों से आयात कर पूरी होती है। बीना पेट्रोकेमिकल्स से यह मांग पूरी हो सकेगी। इससे देश में होने वाले आयात में प्रतिवर्ष लगभग 20 हजार करोड़ रुपए के समान विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इस परियोजना के सफल होने पर मध्य प्रदेश खासकर बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास में क्रांति जागेगी। यहां बीपीसीएल के पेट्रोकेमिकल्स उत्पादों पर निर्भर उद्योग लगाए जा सकते हैं। इसके साथ ही तैयार उत्पादों को गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश सहित बिहार और दक्षिण भारत में भेजा जा सकेगा।

 

मध्य प्रदेश के सागर की बीना रिफाइनरी काले सोने से राज्य का सुनहरा इतिहास लिखेगी। भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की बीना रिफाइनरी बुंदेलखंड के साथ ही राज्य के लिए तरक्की के रास्ते खोलने जा रही है। रोजगार के अलावा मध्यप्रदेश में इसी कच्चे तेल से प्लास्टिक बनाने की तैयारी भी की जा रही है। सागर जिले की बीना रिफाइनरी में कच्चे तेल से प्लास्टिक बनाने वाले 49,926 करोड़ रुपए के चार बड़े प्लांट लगाए जाएंगे। कच्चे तेल के विभिन्न घटकों से यहां खिलौने, पाइप, कंटेनर, फार्मासियुटिकल्स, रैपिंग मैटेरियल, प्लास्टिक के डिब्बे सहित करीब 14 उत्पाद तैयार किए जा सकेंगे। बीना का अपना रेलवे जंक्शन भी हैं, जिससे तैयार माल को देश के किसी भी कोने में आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। 

5 सालों में बदलेगी तस्वीर, 2 लाख लोगों को अस्थाई रोजगार

पेट्रोलियम को काला सोना भी कहा जाता है, जो जानवरों या पौधों के अवशेषों से उत्सर्जित होता है। मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के सागर में 14 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड की बीना रिफाइनरी का औपचारिक उद्घाटन किया गया था। बीना रिफाइनरी अगले पांच सालों में राज्य की तस्वीर बदल कर रख देगी। प्रोजेक्ट के माध्यम से दो लाख से अधिक लोगों को अस्थाई रोजगार मिलेगा, कच्चे तेल के विभिन्न घटकों से 14 उत्पाद तैयार करने के प्लांट लगाए जा सकेंगे। जिनकी बड़ी संख्या में देश में ही नहीं विदेशों में भी मांग है। प्लास्टिक के दाने से प्लास्टिक के विभिन्न उत्पाद जैसे खिलौने, पाइप, बैग, कंटेनर, फार्मास्यूटिकल, रैपिंग मैटिरियल, पेंट, बाल्टी आदि तैयार किए जा सकेंगे।