बिलासपुर ।  उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर नालसा द्वारा जेव बंदियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए 18 सितम्बर से 20 नव तक एक विशेष अभियान चलाया गया। इसमें अण्डर ट्रायल कमेटी की सतत् बैठक करते हुए बंदियों को रिहा किए जा लिए निर्देशित किया गया। कमेटी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला न्याया अध्यक्ष एवं संबंधित जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, और सचिव सदस्य हैं, जिनके द्वारा बैठक की जाकर बंदिय जमानत पर रिहा करने की अनुशंसा की जाती है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में गठित अण्डर ट्रायल रिव्यू क के लगातार बैठक लेते हुए विशेष अभियान चलाते हुए छत्तीस के विभिन्न जेलों में निरूद्ध पात्र अभिरक्षाधीन बंदियों को जम देते हुए उन्हें रिहा किया गया। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति ग भादुड़ी के मार्गदर्शन एवं सतत् निगरानी में की गई।
उपरोक्त दो माह की अवधि में समस्त जिला विधिक प्राधिकरण के द्वारा कुल 114 बैठकें आयोजित की गई और अभिरक्षाधीन बंदियों को जमानत पर रिहा करने की अनुशंस गई। कमेटी ने कुल 1389 बंदियों को चिन्हांकित कर 1222 ब को जमानत का लाभ देने की अनुशंसा की. इस पर संब न्यायालय के द्वारा 1086 बंदियों को जमानत का लाभ प्रदान हुए उन्हें रिहा किया गया है।
बता दें कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अ न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के निर्देशानुसार 5 नवंबर 2023 छत्तीसगढ़ की समस्त जेलों में तृतीय राज्य स्तरीय वृहद लोक अदालत का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रत्येक के 2-2 न्यायिक मजिस्ट्रेटों की स्पेशल सिटिंग भी की गई थी, पात्र बंदियों का तत्काल जेल में ही उनके प्रकरण का निराक कर रिहा किये जाने की कार्यवाही की गई. उक्त जेल लोक अद में पात्र अभिरक्षाधीन बंदियों के कुल 369 प्रकरणों का निराक किया गया।