गौरी पुत्र गणेश को सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना जाता है। इसलिए सभी मांगलिक और शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले यदि भगवान की पूजा की जाए तो वो कार्य बिना किसी विघ्न-बाधा के पूरा होता है।

भगवान गणेश का पूजन करने से सभी विघ्न और बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना के लिए बुधवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। यदि इस दिन पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान गणेश जी की पूजा की जाए तो जीवन की परेशानियों और समस्याओं का अंत हो जाता है। बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ ही उनके कुछ मंत्रों का जाप करना चाहिए। आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में, जिनका बुधवार के दिन जाप करने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी-

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
यदि आप गणेश जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, इस मंत्र का जाप करें। कहा जाता है कि ये मंत्र इतना ज्यादा प्रभावशाली है कि कोई भी कार्य शुरू करने से पूर्व इस मंत्र का जाप करने से आपके सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे हो जाएंगे।

 ॐ गं गणपतये नमः
यदि आपके जीवन में परेशानियां हैं और उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो गणेश जी के इस मंत्र का जाप करें। भगवान गणेश का ये मंत्र इतना चमत्कारी है कि इसके जाप से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं।

गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।
कुंडली से ग्रह दोष दूर करने के लिए कर बुधवार गणपति बप्पा के इस मंत्र का 11 बार जाप करें। इस मंत्र में गणेश जी के 12 नामों का जिक्र किया गया है। मान्यता है यदि आप इस मंत्र का जाप किसी मंदिर में भगवान गणेश के सामने बैठकर करेंगे तो आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी। साथ ही जीवन में आ रही बढ़ाएं दूर होंगी।

 त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।
यदि आपका काम बनते-बनते बिगड़ जा रहा है, तो बुधवार को गौरी पुत्र गणेश के इस मंत्र का जाप करें। ये मंत्र आपके सभी बिगड़े हुए कार्यों को पूरा करेगा। वहीं यदि आपको मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है, तो इस मंत्र का 21 बार जाप करें।