पटना । ‎चिराग पासवान ने खुद को पीएम मोंदी का हनुमान बताया है। उन्होंने दावा ‎किया है ‎कि वे इस बार ‎बिहार में पूरी सीटें ‎भाजपा के नाम करेंगे। हालां‎कि भाजपा विरोधी दलों की बेंगलुरु में विपक्षी एकता की मीटिंग के साथ ही नई दिल्ली में एनडीए में शामिल दलों की बैठक भी आज ही आयोजित है। इसको देखते हुए एनडीए खेमा की शक्ति और तब बढ़ गई जब चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी के एनडीए में आने की औपचारिक घोषणा कर दी। इस दौरान चिराग पासवान ने एक बार फिर स्वयं को नरेन्द्र मोदी के हनुमान के तौर पर प्रस्तुत किया। चिराग ने कहा कि पिछली बार एक सीट बिहार में नहीं जीते थे, इस बार चालीस की चालीस सीटें जीतने का लक्ष्य है। जानकारी के अनुसार चिराग पासवान ने दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में एलजेपी रामविलास के एनडीए में शामिल होने की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी के खिलाफ नहीं, बल्कि नीतीश कुमार के खिलाफ एनडीए से से अलग हुई थी। चिराग ने कहा, मैं चाहता था हमलोग एनडीए का हिस्सा बनें, लेकिन नीतीश कुमार के वापस एनडीए में आने के बाद हमलोग असहज थे। हमलोगों को लोक सभा में पिछली बार जेडीयू की तरफ से हराने की कोशिश की गई थी। हालांकि, हमलोगों ने मुद्दों के आधार पर कई बार बीजेपी को समर्थन दिया। 
चिराग पासवान ने आगे कहा कि लोगों ने कहा कि आपकी पार्टी तोड़ी गई, आपका घर खाली कराया गया फिर भी मैं बीजेपी के साथ क्यों हूं? लेकिन, मैं यहां बता दूं कि मेरी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं, ये बिहार के लिए लड़ाई है। चिराग पासवान ने खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताते हुए कहा, उपचुनाव में मैने उन्हीं संबंधों के आधार पर प्रचार किया था। चिराग ने यह भी स्पष्ट किया कि हमलोगों के कुछ शर्त नहीं बल्कि चिंताएं थीं, जिसे हमने नित्यानंद राय और बीजेपी नेताओं के समक्ष रखा। इस पर आम सहमति बनने के बाद एलजेपी रामविलास औपचारिक तौर पर एनडीए में शामिल हुई। लोजपा नेता ने कहा कि सीटों के बारे में बताना गठबंधन धर्म की मर्यादा के खिलाफ होगा। मंत्रिमंडल में शामिल होने के बारे में चिराग पासवान ने कहा कि पूर्ण रूप से प्रधानमंत्री के अधिकार क्षेत्र में आता है। ये गठबंधन मंत्रिमंडल के लिए नहीं किया गया है, बिहार और देश के विकास को लेकर किया गया है। 
उन्होंने कहा ‎कि वे अपने बयान पर कायम हैं। हाजीपुर की सीट पर चर्चा हुई है और एलजेपी रामविलास का प्रत्याशी ही हाजीपुर से चुनाव लड़ेगा। चिराग ने पशुपति कुमार पारस के हाजीपुर से लड़ने के दावे पर कहा कि मैं चाचा और भाई (प्रिंस राज) पर टिप्पणी करूंगा। वो बड़े हैं जो कहना है कह और डांट सकते हैं, लेकिन जनता के बीच सभी बातें नहीं बोलनी चाहिए। पारस चाचा के बारे में कोई बोलता है तो बुरा लगता है। चाचा फैसला ले चुके हैं कि चिराग के साथ नहीं जाना है।