रायपुर ।   गणेश चतुर्थी पर देश की नई संसद का आज भव्‍य शुभारंभ हुआ। संसद की नई इमारत में सालों से लंबित महिला आरक्षण कानून को पास कराकर केंद्र सरकार इस क्षण को एतिहासिक बनाने की तैयारी में है। इसी क्रम में महिला आरक्षण बिल पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने बयान दिया है। सीएम बघेल ने मीडिया से बातचीत में कहा है, ''इसे कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब इस पर अध्ययन और चर्चा की जाएगी कि बिल को कैसे लागू किया जाए। क्या यह बिल अभी लागू होगा या 2027 में परिसीमन के बाद लागू होगा।'' अभी तक जनगणना नहीं हुई है। परिसीमन किस आधार पर होगा? अभी कई सवाल हैं।'' महिला आरक्षण कानून को लेकर सीएम बघेल का बड़ा बयान, बिल हुआ तो छत्‍तीसगढ़ की सियासत में कितना होगा बदलावमहिला आरक्षण कानून को लेकर सीएम बघेल का बड़ा बयान, बिल हुआ तो छत्‍तीसगढ़ की सियासत में कितना होगा बदलाव

छत्‍तीसगढ़ की सियासत में इस तरह होगा बदलाव

इधर, इस बात को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है कि अगर महिला आरक्षण कानून पारित होता है, तो छत्‍तीसगढ़ की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी कितनी बढ़ जाएगी। छत्‍तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां 11 लोकसभा सीटें हैं। इसके साथ ही विधानसभा में 90 विधायकों की संख्या है।

महिला आरक्षण कानून के तहत महिलाओं को 33 फीसद या एक तिहाई आरक्षण देने का प्रावधान है। ऐसे में इस कानून के पास होने के बाद छत्‍तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से तीन सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो सकती है। अगर छत्‍तीसगढ़ विधानसभा की बात की जाए तो यहां 90 विधानसभा सीटें आती हैं। महिलाओं को आरक्षण मिलने के बाद महिलाओं के लिए इनमें से 30 सीटें आरक्षित हो सकती हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों को कम से कम 30 महिला प्रत्‍याशियों को टिकट देना अनिवार्य हो जाएगा।