नई दिल्ली । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से गिग वर्कर्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाक़ात की। एसोसिएशन ने सीएम से डिलीवरी पार्टनर्स की सोशल सिक्योरिटी के संबंध में सरकारी योजना बनाने की मांग की। सीएम केजरीवाल ने आश्वासन देते हुए कहा कि हमारी सरकार हमेशा आम आदमी के साथ मजबूती के साथ खड़ी है। गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए नियमानुसार मजबूत कानून बनाएंगे, लेकिन इसमें थोड़ा समय लग सकता है। वहीं, सीएम ने कैबिनेट मंत्री आतिशी को ये भी पता करने का निर्देश दिया है कि क्या गिग वर्कर्स भी निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में दी गई श्रमिकों की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं। अगर ये वर्कर्स निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के दायरे में आते होंगे तो फिर सरकार को अलग से कानून बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और दिल्ली सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का गिग वर्कर्स को भी लाभ मिल सकेगा।
गिग वर्कर्स एसोसिएशन ने अपनी सामाजिक सुरक्षा की चिंताओं को लेकर गुरुवार को सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और गिग वर्कर्स के सामने रोजाना आ रही समस्याओं से अवगत कराया। एसोसिएशन के मुद्दों को गंभीरता से सुनने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंत्री आतिशी को निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के अंतर्गत श्रमिकों की परिभाषा की स्पष्ट जानकारी पता करने का निर्देश दिया है कि क्या ये गिग वर्कर्स भी निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के अंतर्गत आ सकते हैं? अगर श्रमिक कल्याण बोर्ड के अंतर्गत आते हैं तो ये दिल्ली सरकार की तरफ से निर्माण श्रमिकों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के हकदार होंगे। सीएम ने कहा कि निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के अंतर्गत ज्यादातर राज्य सरकारों के पास काफी पैसा होता है, जिसका पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाता है। 
सीएम अरविंद केजरीवाल ने एसोसिएशन को यह भी सुझाव दिया कि अगर गिग वर्कर्स श्रमिक कल्याण बोर्ड के दायरे में नहीं आते हैं, तो केंद्र सरकार से बात करें। अगर केंद्र सरकार एक नोटिफिकेशन जारी कर देती है तो गिग वर्कर्स की काफी समस्याओं का सामाधान हो जाएगा और सरकार को अलग से कानून बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीएम ने कहा कि मुझे स्पष्ट जानकारी नहीं है कि राज्य सरकार के पास सेस लाने की शक्ति है या नहीं। राज्य सरकार के पास संविधान के तहत ही शक्तियां हैं। सेस लगाने की शक्ति है या नहीं है, इसका मैं परीक्षण करा लेता हूं। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार आम आदमी के साथ खड़ी है। गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए मजबूत कानून बनाएंगे, लेकिन इसमें थोड़ा समय लग सकता है।  
एसोसिएशन ने सीएम को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि गिग वर्कर वो लोग होते हैं जो निजी क्षेत्र में एप आधारित प्लेटफॉर्म पर जॉब करते हैं। इनमें कुछ पार्ट टाइम तो कुछ फुल टाइम वर्कर्स होते हैं। इन वर्कर्स के पास नौकरी की सुरक्षा, ईएसआईसी और पीएफ समेत अन्य कोई लाभ नहीं हैं। साथ ही इनके साथ कम वेतन और निश्चित वर्क टाइम की भी गंभीर समस्याएं हैं। एसोसिएशन ने दिल्ली में गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा को लेकर कानून बनाने की अपील की है। ताकि एप आधारित निजी क्षेत्रों में काम कर रहे गिग वर्कर्स के लिए ईएसआई, पीएफ, जॉब की सिक्युरिटी और वर्क टाइम समेत अन्य लाभ मिल सके। एसोसिएशन ने यह भी मांग की कि गिग वर्कर्स के लिए एक वेलफेयर फंड बनाया जाए और एप आधारित काम कराने वाली निजी कंपनियों से दो फीसद तक वेलफेयर सेस लिया जाए और उस सेस के पैसे को गिग वर्कर्स के कल्याण पर खर्च किया जाए। 
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर गिग वर्कर्स एसोसिशन से मुलाकात के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज ‘गिग वर्कर्स एसोसिएशन’ (ऑनलाइन डिलीवरी सर्विस पार्टनर) के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात की। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने डिलीवरी पार्टनर्स की सोशल सिक्योरिटी के सम्बंध में सरकारी योजना बनाने की मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। मुख्यमंत्री ने उनके मुद्दों को समझा और आश्वासन दिया कि उनकी मांग पर सरकार नीतियों के दायरे में गंभीरता से विचार करेगी।