लखनउ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर चोरी पर ‎नियंत्रण स‎हित राजस्व संग्रह के नए स्त्रोत की जरूरत पर बल दिया।  बुधवार को अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। इस अवसर पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और मंत्री, आबकारी एवं मद्य निषेध (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल उपस्थिति रहे । इस दौरान उन्होंने बताया कि नियोजित प्रयासों से प्रदेश के कर-करेत्तर राजस्व संग्रह में सतत वृद्धि हो रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही तक विविध माध्यमों से अब तक 92 हजार करोड़ से अधिक की राजस्व प्राप्ति हुई है। इसमें जीएसटी, वैट से 52 हजार करोड़, एक्साइज टैक्स के रूप में 20 हजार करोड़, स्टाम्प एवं पंजीयन से 13 हजार करोड़ और परिवहन से 4700 करोड़ से अधिक का संग्रह हुआ है। यह स्थिति संतोषजनक कही जा सकती है। हर विभाग ने विगत वर्ष की पहली दो तिमाहियों के सापेक्ष अच्छा राजस्व संग्रहित किया है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। नियोजित प्रयासों से यहां मैन्युफैक्चरिंग की गतिविधियां भी बढ़ी हैं। प्रदेश को इसका लाभ मिलना चाहिए। राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए हमें नए स्रोत भी बनाने चाहिए। चालू वित्तीय वर्ष के लिए 2.62 लाख करोड़ रूपये के राजस्व संग्रह लक्ष्य के अनुरूप ठोस कोशिश की जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व की चोरी राष्ट्रीय क्षति है। जीएसटी की चोरी, अपवंचन रोकने के लिए सजगता बढ़ाये जाने की जरूरत है।  इंटेलिजेंस को और बेहतर करने की आवश्यकता है। इंफोर्समेंट के कार्रवाई की गोपनीयता और शुचिता से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता और बढ़ाये जाने की जरूरत है। 
योगी ने कहा कि पर्व-त्योहार के माहौल में अनु‎चित तरीके से शराब बनाने व बेचने वालों के फिर सक्रिय होने की आशंका है। ऐसी गतिविधियों पर पूरी सख्ती की जाए। किसी भी जिले में ऐसी गतिविधि न हो। उन्होने खनन कार्य में संलग्न वाहनों की ओवरलोडिंग से दुर्घटनाओं को रोकने के ‎लिए सख्ती पर जोर ‎दिया। बालू, मोरम, गिट्टी जैसे उपखनिजों का कृत्रिम अभाव पैदा करने वाले कालाबाजारियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही के आदेश ‎दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए स्कूल बसों, परिवहन निगम की बसों, नगर बसों को प्रोत्साहित किया जाए।