नई दिल्ली । भारतीय इस्पात उद्योग ने वित्त वर्ष 2023-24 में देश के इस्पात का शुद्ध आयातक बनने पर चिंता जाहिर कर कहा है कि यह ऐसे देश के लिए एक चेतावनी संकेत है जो आत्मनिर्भर बनने का प्रयास कर रहा है। इस्पात मंत्रालय की संयुक्त संयंत्र समिति के अनुसार, भारत ने तैयार इस्पात के आयात में 38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की यानी 83.19 लाख तैयार इस्पात का आयात किया, जो वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 60.22 लाख टन था। 
शीर्ष उद्योग निकाय भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) के महासचिव आलोक सहाय ने कहा, ‘‘चीन से आयात में वृद्धि इस्पात में आत्मानिर्भरता के लिए एक बड़ा खतरा यानी बाजार को बिगाड़ने वाला है। देश का शुद्ध आयातक बनना आत्मनिर्भरता (की ओर हमारे कदम के लिए एक चेतावनी संकेत है। उन्होंने आयात को रोकने के लिए तत्काल आधार पर व्यापार उपचारात्मक कार्रवाई की मांग की। 
आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील के मुख्य विपणन अधिकारी रंजन धर ने कहा कि भारत के इस्पात उद्योग को आक्रामक आयात से खतरा है। निवेश की सुरक्षा और मजबूत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इस्पात आयात को प्रतिबंधित करना महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत, भारत का लक्ष्य अपनी घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के लिए वर्ष 2030 तक अपनी वार्षिक इस्पात उत्पादन क्षमता को 30 करोड़ टन तक बढ़ाना है।