मध्य प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी की ओर से जन आशीर्वाद यात्रा लगातार एवं अनवरत रूप से मध्य प्रदेश में जारी है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की ओर से जन आक्रोश यात्रा का शुभारंभ 19 सितंबर को होना है । कांग्रेस पार्टी की ओर से निकलने वाली जन आक्रोश यात्रा प्रारंभ होने से पहले ही कांग्रेस पार्टी के आपसी विवाद एवं अहम की लड़ाई से लेकर वरिष्ठ नेताओं की गैर मौजूदगी के साथ-साथ कई आंतरिक मसलों पर उलझी हुई दिखाई देने लगी है ।।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित दिग्विजय सिंह नेतृत्वकर्ता टीम से हुए दूर ।

कांग्रेस पार्टी की 19 सितंबर से प्रारंभ होने वाली जन आक्रोश यात्रा का शुभारंभ एवं जन आक्रोश यात्रा के अंतिम पड़ाव तक जन आक्रोश यात्रा के मुखिया के रूप में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी के प्रमुख कमलनाथ एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सामने रहना चाहिए था । परंतु आश्चर्यजनक तरीके से नेतृत्वकर्ता के रूप में दोनों ही बड़े नेता इस  यात्रा से अपने आप को दूर कर चुके हैं । सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय नेतृत्व के दबाव एवं कांग्रेस पार्टी के लिए कम कर रही एक रणनीति का टीम ने इस यात्रा की रचना करने का संकल्प लिया था , दोनों ही बड़े नेताओं को इस बात की आशंका है कि अपेक्षाकृत रूप से यात्रा को शायद मध्य प्रदेश में इतना अधिक रिस्पांस ना मिल सके । इसी आशंका के चलते दोनों ही नेताओं ने यात्रा प्रारंभ होने से पहले ही यात्रा से दूरी बना ली ।

एकमात्र राष्ट्रीय इलेक्शन कमेटी के नेतृत्वकर्ता को भी नहीं मिला सम्मान कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक गुटबाजी का दौर इस कदर जारी है कि पिछले 15 दिवस पूर्व जब राष्ट्रीय कांग्रेस की इलेक्शन कमेटी में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं आदिवासी विधायक ओंकार सिंह मरकाम को 35 वर्षों बाद मध्य प्रदेश की ओर से सम्मान दिया गया और उन्हें इलेक्शन कमेटी में राष्ट्रीय स्तर पर शामिल किया गया तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जो उनके साथ व्यवहार किया वह तो अलग ही था वहीं दूसरी ओर प्रदेश के बड़े नेताओं ने भी उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया  । इसी क्रम में जन आक्रोश यात्रा में भी नेतृत्वकर्ता के रूप में ओंकार सिंह मरकाम को फिर से स्थान नहीं दिया गया है । लगभग 5 वर्ष पूर्व भी इस तरह की यात्रा निकाली गई थी इसमें भी किसी भी आदिवासी नेता को स्थान नहीं मिला था । जबकि इस वर्ष परिस्थितियों विपरीत हैं और मध्य प्रदेश से केवल इलेक्शन कमेटी के राष्ट्रीय नेतृत्व के रूप में ओंकार सिंह मरकाम शामिल है उसके बाद भी यात्रा में ओंकार सिंह मरकाम को स्थान नहा मिलने से कांग्रेस पार्टी की ओर से सीधा-सीधा आदिवासी समाज के नेतृत्व को तिरस्कार किया जा गया है ।

पूर्व कैबिनेट मंत्रियों सहित महिला वर्ग भी है गायब ।

जन आक्रोश यात्रा को अब मात्र 48 घंटे शेष रहे हैं परंतु अभी तक आश्चर्यजनक तथ्य सामने आया है कि कांग्रेस सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्रियों की चर्चा करें तो उनमें से मात्र 10ः भी लोगों को इस यात्रा से नहीं जोड़ा गया है । एवं जिन कैबिनेट के पूर्व मंत्रियों को जोड़ा गया है उनके क्षेत्र में एवं विधानसभा स्तर पर स्थितियां हारने की पूरी तरह दिखाई दे रही है । वहीं दूसरी ओर महिला सम्मान को लेकर बात करने वाली कांग्रेस पार्टी की ओर से जन आक्रोश यात्रा के नेतृत्वकर्ता के रूप में किसी भी महिला का नाम सामने नहीं आया है । इस मामले में कांग्रेस पार्टी की सोशल मीडिया से लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बैनर एवं फ्लेक्स की चर्चा की जाए तो इसमें भी किसी भी महिला नेत्री का नाम एवं फोटो सामने दिखाई नहीं दिया है ।


जन आक्रोश यात्रा के बैनर पर दूसरे पायदान के नेताओं की भरमार ।

कांग्रेस पार्टी द्वारा 48 घंटे बाद मध्य प्रदेश भर में संचालित होने वाली जन आक्रोश यात्रा से जुड़े हुए जो फ्लैक्सिबल बैनर सामने आए हैं उसमें कांग्रेस पार्टी के दूसरे पायदान के नेता कहीं जाने वाले सुरेश पचोरी एवं जीतू पटवारी से लेकर अजय सिंह ,कमलेश्वर पटेल, जीतू पटवारी आदि के नाम एवं फोटो दिखाई देते हैं परंतु प्रथम पंक्ति के कहे जाने वाले नेता जिम दिग्विजय सिंह से लेकर कमलनाथ एवं विवेक तंखा आदि का नाम शामिल है , उपरोक्त प्रथम पंक्ति वाले कोई भी नेता फ्लेक्स एवं बैनर में दिखाई नहीं देते हैं । इस संबंध में एक पूर्व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि जन आक्रोश यात्रा पूरी तरह से प्रारंभिक दौर में ही मात्र औपचारिकता दिखाई देती है । कुल मिलाकर जन आशीर्वाद यात्रा की सफलता को देखकर जल्दबाजी में आयोजित की जाने वाली जन आक्रोश यात्रा का कोई भी अस्तित्व कांग्रेस पार्टी के अंतर्कलह की स्थिति में ही दिखाई देता है । बाहरी परिदृश्य में अगर जमीनी स्तर पर देखा जाए तो जन आक्रोश यात्रा पूरी तरह प्रारंभ होने से पहले ही बिखरी हुई एवं सफल होती हुई दिखाई देती है ।

 

 


फर्जी वीडियों ट्यूट कर मुसीबत में फंसी कांग्रेस
राजनीतिक संवाददाता,भोपाल 
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा द्वारा एक निजी चैनल का सर्वें ट्यूट किया गया। 
यह कोई पहला मामला नहीं  
कांग्रेस द्वारा फर्जी वीडियों जारी करने का यह कोई पहला मामला नही है। इससे पहले भी कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के इंस्टा आईडी से ऐसा ही एक जीत का वीडियों प्रसारित किया गया था। इस पर भाजपा नेता राजेन्द्र गुप्ता की शिकायत पर अज्ञात लोगों के विरूद्व एफआईआर दर्ज की गई थी। उसमें भी एक निजी चैनल के लोगों का इस्तेमाल करते हुए सर्वे रिजल्ट बताया था।  

 


कांग्रेस की जीत वाला फर्जी सर्वें सोशल मीडिया में वायरल 
न्यूज चैनल ने कांग्रेस से सर्वे हटाने को कहा
श्राजनीतिक संवाद
प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों ने झूठें हथकंडे अपनाने शुरू कर दिया है।