भोपाल। कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने भाजपा सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार के कुशासन ने मध्यप्रदेश को एक बीमार प्रदेश बना दिया है। इन्होंने न जनता को कहीं का छोड़ा है और न चिकित्सकों को कहीं का छोड़ा है। जनता बेहतर इलाज, तो डाक्टर जरूरी सुविधाओं के लिए परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि हेल्थ इंडेक्स में मध्यप्रदेश 19 राज्यों में से 17वें नम्बर पर है । डब्ल्यूएचओ के अनुसार प्रति 1000 व्यक्ति पर कम से कम एक डॉक्टर होना चाहिए और मध्य प्रदेश में 3400 लोगों पर एक डॉक्टर है। 77,000 चिकित्सकों की आवश्यकता है और केवल 22,000 चिकित्सक काम कर रहे हैं। 5 साल तक के शिशुओं की मृत्यु दर 49.2 प्रतिशत है यानि जितने बच्चे पैदा होते हैं उनमें से आधे 5 साल की उम्र पूरी करने से पहले ही दम तोड़ देते हैं।
उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 97 प्रतिशत पद खाली हैं। 1180 पदों की आवश्यकता है, 945 स्वीकृत हैं और केवल 43 की भर्ती हुई है।
-सामान्य चिकित्सकों के 1887 पद स्वीकृत हैं जिनमें से केवल 580 पदों पर भर्ती हुई है।
-सर्जन के 295 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 6 सर्जन कार्यरत हैं यानि 97 प्रतिशत पद खाली हैं।
-प्रसूति एवं महिला रोग विशेषज्ञ के 295 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 22 की भर्ती हुई है और 92 प्रतिशत पद खाली हैं।
-फिज़िशियन के भी 295 पद स्वीकृत हैं जिनमें केवल 5 भरे हैं यानि 98 प्रतिशत पद खाली हैं।
-बाल रोग विशेषज्ञों के 295 पदों में से 10 पदों पर भर्ती हुई है यानि 96 प्रतिशत पद खाली हैं।
- मध्यप्रदेश में 16 जिले ऐसे हैं जहां वेंटिलेटर ही नहीं है और 10 जिलों में आईसीयू बेड नहीं हैं।