मध्य प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव के मामले में भाजपा एवं कांग्रेस की चुनावी रणनीति में भारतीय जनता पार्टी बेहतर एवं मजबूत दिखाई दे रही है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की सूची आज दिनांक तक जारी न होने की स्थिति में कांग्रेस पार्टी के ही प्रत्याशियों एवं रणनीतिकारों के बीच हताशा का माहौल दिखाई दे रहा है । भारतीय जनता पार्टी 1 महीने के अंतराल में ही दो सूची निकाल चुकी है। पहली सूची को लगभग 1 महीना हो चुका है और दूसरी सूची को भी लगभग 15 दिन हो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की किसी भी सूची का अता-पता नहीं है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े बड़े रणनीतिकार एवं मध्य प्रदेश से जुड़े हुए कांग्रेस के नेता मानते हैं कि कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची देरी से जारी होने का बड़ा नुकसान कांग्रेस पार्टी को हो सकता है । 

देरी से सूची जारी होने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान । भाजपा को फायदा । 

भाजपा ने लगभग 1 महीने पूर्व तीन दर्जन विधानसभा क्षेत्र में अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं । सबसे बड़ी रणनीति भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची में नजर आई । इसमें 98% ऐसी सीटें है जिनमे 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त मिली थी l  इसका अर्थ यह है कि पहली सूची में विशेष रणनीति का ध्यान रखा गया ।  भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यह मानते है कि जिन सीटों पर हमारे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है उन सीटों पर अगर 1 महीने पूर्व लड़ाई की तैयारी की जाए तो सब कुछ पाना ही पाना है । अर्थात हारी हुई लगभग तीन दर्जन सीटों पर उम्मीदवारों को एक महीने अतिरिक्त समय मिलने की स्थिति में रणनीति से लेकर तैयारियां का पर्याप्त समय मिला है । वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जो पहली सूची से संबंधित विधानसभा क्षेत्र में मौजूद है उनका विरोध पिछले 5 साल के अंतराल में स्पष्ट रूप से सामने आया है जिसका बड़ा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलने जा रहा है । भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार की मानें तो पहली सूची जो जारी की गई है उसमें 98% उम्मीदवार हारे हुए एवं भारतीय जनता पार्टी से संबंधित है । अगर 50% उम्मीदवार भी जीतकर आते हैं तो पार्टी को 50% उम्मीदवार का फायदा होगा वहीं कांग्रेस को 50% का नुकसान । कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी की पहली सूची आज दिनांक तक जारी न होने से भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची में बड़ा फायदा होने की उम्मीद एक तरफा दिखाई दे रही है वहीं दूसरी और कांग्रेस पार्टी में पूरी तरह हताशा का माहौल नजर आ रहा है। 

10 अक्टूबर के बाद जारी हो सकती है कांग्रेस पार्टी की सूची, अंततः होगा बड़ा नुकसान । 

भारतीय जनता पार्टी की पहली एवं दूसरी सूची को अधिकतम समय होने के बाद एक तरफ जहां तीसरी सूची तैयार एवं जारी होने की स्थिति स्पष्ट दिखाई देती है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व एवं स्थानीय मध्य प्रदेश से जुड़े हुए नेता बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी की पहली सूची 10 अक्टूबर के बाद आ सकती है । जानकारी के अनुसार पहली सूची में लगभग 100 लोगों का नाम हो सकता है अर्थात 100 सीटों पर उम्मीदवारों का नाम घोषित हो सकता है । ऐसी स्थिति में लगभग 1 महीने से अधिक समय लेट चल रही कांग्रेस की सूची को बड़ा नुकसान एवं प्रतिद्वंदता की स्थिति में कांग्रेस को मैदानी क्षेत्रों में भी लंबा संघर्ष करने की स्थिति पैदा हो सकती है। जिसका सीधा-सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को प्राप्त होगा । वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से जुड़े हुए बड़े नेता मानते हैं कि इसमें दोष अथवा कांग्रेस पार्टी को हो रहे नुकसान का विश्लेषण किया जाए तो मध्य प्रदेश का नेतृत्व ही जिम्मेदार है । कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी के स्थानीय प्रदेश स्तर के नेतृत्व एवं राष्ट्रीय स्तर के नेतृत्व में उम्मीदवारों की सूची देरी से जारी होने को लेकर हताशा का माहौल दिखाई देता है ।

 सूची जारी होने के बाद भी हो सकती है बड़ी बगावत । 

कांग्रेस पार्टी द्वारा पिछले 1 महीने के अंतराल में निकाली जा रही जन आक्रोश रैली के अंतर्गत मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों एवं तहसीलों में कांग्रेस पार्टी के ही स्थानीय कार्यकर्ता एवं नेताओं के बीच जबरदस्त आक्रोश की स्थितियां दिखाई दी है । जन आक्रोश रैली में कई जिला एवं तहसील स्तर पर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के बीच एवं पदाधिकारी के मध्य जूता चलने और पार्टी छोड़ देने तक की नौबत भी आ चुकी है। पहली सूची जारी न होने से पूर्व ये स्थिति है तो स्पष्ट है कि जब सूची जारी होगी तब बगावत की स्थिति कैसी होगी? निश्चित रूप से इस बगावत को संभालने का समय भी सामने नहीं होगा । इस कारण कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण यादव का कहना है कि निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी अपनी मजबूत रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है । संघर्ष मजबूत है परंतु चुनौती भी अधिक है । गौरतलब है कि 24 घंटे पूर्व अरुण यादव ने भी चुनाव न लड़ने की घोषणा कर डाली है ।