नई दिल्ली ।   नेशनल स्टेटिक्स आफिस(एनएसओ) ने इस वर्ष 2024 के पहले तीन महीनों में जीडीपी के आंकड़े जारी किए हैं। इसमें अप्रैल से जून के पहले तीन महीनों में देश की जीडीपी में 7.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी बताई गई है। 2022-2023 में जनवरी से मार्च यह बढ़ोतरी केवल 6.1 प्रतिशत थी। उधर पिछले साल अप्रैल से जून में 13.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

कहा कितनी बढ़ोतरी दर्ज हुई

- नेशनल स्टेटिक्स आफिस द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में कृषि के क्षेत्र में 3.5 % की बढ़ोतरी हुई है।

- रियल एस्टेट, वित्तीय व पेशवर सेवाओं में यह बढ़ोतरी 12.2 % रही। वहीं पिछले साल इस सेक्टर में इसी दौरान 8.5 % की बढ़ोतरी हुई थी।

- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बढ़ोतरी घटकर 4.7 % हो गई, पिछले साल यह 6.1% थी।

- माइनिंग सेक्टर में इस साल 5.8 % की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले साल यह 9.5 % रही थी।

- गैस, वाटर सप्लाई और बिजली सहित अन्य उपयोगी सेवाओं में बढ़ोतरी 2.9 % रही है।

- कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी केवल 7.9% बढ़ोतरी हुई।

अगस्त में मानेटरी पालिसी कमेटी की मीटिंग के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक ने पूरे साल में 6.5% विकास दर का अनुमान लगाया था। वहीं पहले तीन महीनों में 8% का अनुमान लगाया गया था।

भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

नेशनल स्टेटिक्स आफिस (एनएसओ) द्वारा जारी किए गए पहले तीन महीने के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में भारत सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना है। इसी दौरान चीन में यह बढ़ोतरी केवल 6.3 % ही रही है।

राजकोषीय घाटा 34 % के करीब पहुंचा

कैग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 2023-24 के पहले 4 महीने केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 33.9 % तक पहुंचा है। सरकार द्वारा किए गए व्यय और प्राप्त किए गए राजस्व के बीच का अंतर राजकोषीय घाटा कहलाता हे।