भाकपा नेता डी राजा का मानना है कि लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को हराने के लिए सभी सेक्युलर पार्टियां एक साथ आईं हैं। अपने दो दिन के झारखंड दौरे पर राजा ने कहा कि देश की हालत गंभीर और परेशान करने वाली है। लोकतंत्र के खातिर भाजपा को उखाड़ फेंकना होगा। उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाली पार्टियों ने भाजपा को हराने के लिए एक साथ आना होगा। यह सत्ता पाने के लिए नहीं, बल्कि देश के संविधान, लोकतंत्र और उसके भविष्य को बचाने के लिए है।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के साथ आने के बाद उनका नेता कौन होगा? इस पर बाद में चर्चा की जाएगी। नेता किसी को भी चुना जाए, हमें कोई आपत्ति नहीं होगी। सभी दल चर्चा करने के बाद ही निर्णय लेंगे। यूनाइटेड फ्रंट के गठन के समय हमने इसका अनुभव किया था और जीत के बाद नेता के नाम पर सवाल उठे थे। हालांकि, एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत चर्चा की गई। कोई दिक्कत नहीं हुई थी। सब कुछ ठीक चल रहा था।

राजा ने बताया कि वह 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी पार्टियों की मीटिंग में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस मीटिंग में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और शीर्ष नेता शामिल होने वाले हैं। यह मीटिंग बिहार के सीएम और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार ने बुलाई है।

राजा ने आरएसएस पर आरोप लगाया कि संघ भाजपा के सहारे अपना एजेंडा आगे बढ़ा रहा है। इस वजह से देश में दलितों, अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा जब से सत्ता में आई है, तब से आरएसएस बहुत ज्यादा आक्रमक हो गई है। वह भाजपा पर अपने एजेंडे को मानने के लिए दबाव बनाती है। दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के ऊपर बढ़ रहे हिंसा का यही कारण है। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण किया जा रहा है। राजा ने कहा कि विपक्ष को संसद के पिछले सत्र में अदाणी का मुद्दा उठाने नहीं दिया गया। यह लांकतंत्र के लिए ठीक नहीं था।