भोपाल। एक मौखिक आदेश के तहत पंचायतों को आदेशित कर कहा गया है कि पोलिंग दलों और सुरक्षा बलों का व्यय पंचायतों को उठाना होगा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने उक्त आदेश का विरोध करते हुए कहा है कि यह आदेश कई तरह से जनविरोधी है। पहला प्रश्न तो यह है कि ग्रामीणों और पंचायत के कल्याण के लिए आवंटित राशि को सुरक्षाबलों और पोलिंग दलों पर किस प्रावधान के तहत व्यय किया जा सकता है?
माकपा राज्य सचिव मंडल के सदस्य पी व्ही रामचंद्रन ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि पंचायतें राजनीतिक दलों और प्रभावशाली लोगों द्वारा नियंत्रित और संचालित की जाती हैं, इसलिए पंचायतें यदि पोलिंग दलों का खर्च उठाती हैं तो चुनाव की निष्पक्षता भी प्रभावित होगी। माकपा ने कहा है कि भयमुक्त वातावरण में निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए पोलिंग दलों का व्यय चुनाव आयोग को ही उठाना चाहिए।
माकपा ने चुनाव सामग्री सेक्टर अधिकारी द्वारा ही पोलिंग दलों का जारी करने और जमा करने के आदेशों पर भी पुनर्विचार करने की मांग की है।