वर्ष 2022 के दौरान दिल्ली में हर तीन दिन में चार हत्याएं अंजाम दी गईं। प्रतिदिन 15 अपहरण किए गए, जिसमें से 10 महिलाओं के थे।

देश को झकझोर देने वाले निर्भया कांड के बाद भी हालात बदले नहीं हैं, हर दिन दुष्कर्म की तीन वारदात हुईं। इतना ही साइबर अपराधियों दो लोगों अपना शिकार बनाया। यह राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी रिपोर्ट में सामने आया है।

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में दिल्ली में 501 हत्याएं हुईं जबकि वर्ष 2021 में 454 और वर्ष 2020 में 461 हत्याओं में केस दर्ज किए गए थे। अपहरण के लिए 5,585 मामले दर्ज किए गए। गौर करने वाली बात यह है कि इनमें से 3,909 मामले महिलाओं के अपहरण के रहे। वर्ष 2021 में अपहरण की कुल वारदात 5,475 और वर्ष 2020 में 4,011 थीं। दुष्कर्म के 1,204 और दहेज के लिए हत्या के 129 मामले दर्ज किए गए।

इसके अलावा पांच मामले एसिड अटैक के दर्ज किए गए। साइबर अपराध दोगुने हो गए। वर्ष 2021 में 345 साइबर अपराधों के मुकाबले वर्ष 2022 में 685 हो गए। जबकि वर्ष 2020 में साइबर अपराध के महज 166 मामले थे।

501 हत्याएं दिल्ली में वर्ष 2022 में की गईं

3909 अपहरण की वारदात महिलाओं के साथ अंजाम दी हुईं
1204 मामलों में दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया
129 विवाहिताओं की दहेज हत्या हुई

बुजुर्गों के खिलाफ बढ़ गए 11 प्रतिशत अपराध

पिछले वर्ष बुजुर्गों के साथ हुए अपराधों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। 2021 में जहां 1,166 तो 2022 में बुजुर्गों के साथ 1,313 वारदात दर्ज की गईं।

सबसे अधिक हत्याओं की वजह रही संपत्ति

इनमें से 13 अवैध संबंधों के कारण, 54 व्यक्तिगत दुश्मनी और 197 पारिवारिक, संपत्ति और अन्य विवादों में किए गए। 35 हत्याएं पैसे के लिए हुईं। गैंगवार में हत्या के भी तीन मामले सामने आए। लूटपाट में हत्या के 10 व मानव बलि का एक मामला आया।

प्रेम संबंधों के चलते अंजाम दी गईं 16 हत्याएं 

दिल्ली में वर्ष 2022 में प्रेम संबंधों के कारण हत्या के 16 मामले सामने आए। इन मामलों में श्रद्धा वालकर की सनसनीखेज हत्या भी शामिल है। लिव-इन साथी ने मारा था।