नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में बुधवार को हुई फायरिंग ने वर्ष 2020 में पार्किंग विवाद में हुए हिंसक झड़प की यादें ताजा करदी। वकीलों द्वारा की गई उक्त हिंसा पर काबू पाने में दिल्ली पुलिस के पसीने छूट गए थे। इस हिंसा में डीसीपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

हालात यह बन गए थे कि दिल्ली पुलिस के हजारों कर्मी अपने ही विभाग के खिलाफ होकर दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने धरने पर बैठ गए थे। बाद में तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक के समझाने के बाद धरना समाप्त किया था। कई दिनों बाद अदालतों में काम शुरू हो पाया। इस मामले में अभी तक किसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकी है।

रोहिणी शूटआउट के बाद कोर्ट ने पुलिस से मांगी थी सुरक्षा रिपोर्ट

इस घटना के बाद भी दिल्ली की अदालतों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। 1000 जवान, 2700 सीसीटीवी, तब भी पहुंच रहा हथियार... सितंबर 2021 में रोहिणी शूटआउट के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से न्यायालयों की सुरक्षा पर रिपोर्ट मांगी थी।

इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा था कि दिल्ली जिला न्यायालयों में 1000 से सुरक्षाकर्मी, 2700 सीसीटीवी कैमरों के साथ ही सुरक्षा अन्य इंतजामों में बढ़ोतरी की गई है। पुलिस के तमाम प्रयास के बावजूद न्यायायलों में लगातार आपराधिक वारदात हो रही है।

तीस हजारी कोर्ट परिसर में प्रवेश के लिए छह द्वार हैं। इनमें से चार प्रवेश द्वार मुख्य सड़क पर हैं। प्रवेश द्वार नंबर एक, दो और तीन से गाड़ियां भी आती जाती हैं। वकीलों और मुवक्किलों के आने पर सुरक्षा गार्ड गाड़ियों की डिग्गी की तो जांच करते हैं, लेकिन गाड़ी के अंदर रखे बैग और अन्य चीजों की जांच नहीं करते हैं।

दिल्ली की अदालतों में हुई आपराधिक घटनाएं

. 21 अप्रैल 2023 को साकेत कोर्ट में वकील ने एक महिला वकील पर पांच गोलियां मार दी थी, इस वारदात में महिला गंभीर रूप घायल हुई। वारदात के बाद आरोपित फरार हो जाता है, बाद में पुलिस उसे पकड़ती है।
. 22 अप्रैल 2022 को रोहिणी कोर्ट में वकील और सुरक्षाकर्मी के बीच बहस के दौरान गोली चली। जिसमें दो वकील घायल हुए।
. तीन दिसंबर 2022 को अरमान नाम के गैंगस्टर ने कड़कड़डूमा कोर्ट के गेट नंबर चार पर की हवाई फायरिंग।
. नौ दिसंबर 2021 को रोहिणी कोर्ट परिसर के अंदर कोर्ट नंबर 102 में बम धमाका हुआ था।
. 24 सितंबर 2021 को रोहिणी कोर्ट में गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी की गोली मारकर हत्या। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों हमलावर भी ढेर।
. तीन नवंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग विवाद में पुलिसकर्मियों और वकीलों में झड़प के दौरान चली गोली वकील को लग गई थी। जिसके बाद जमकर बवाल हुआ था।
. 23 दिसंबर 2015 को चार हमलावरों ने कड़कड़डूमा कोर्ट के अंदर घुसकर फायरिंग की जिसमें गोली लगने से दिल्ली पुलिस के एक जवान की मौत हो गई।
. सात सितंबर 2011 : दिल्ली हाईकोर्ट में एक जबर्दस्त धमाका हुआ था। धमाके में 17 लोगों की मौत हुई थी,जबकि 77 लोग घायल हो गए थे। विस्फोट कोर्ट के भीड़ भरे स्वागत कक्ष के बाहर हुआ था।

बता दें कि तीस हजारी कोर्ट परिसर के चार ब्लाकों में कुल 4000 चैंबर हैं। दिनभर यहां हजारों वकील और मुवक्किल आते जाते रहते हैं। ऐसे में जांच में बरती गई लापरवाही किसी बड़ी वारदात का कारण बन सकती है।