शुरुआती जांच में पता चला है कि सात दिन में आरोपी अक्षय 40 करोड़ रुपये ठग चुका है। पुलिस गिरोह के अन्य बदमाशों को तलाश रही है।

बाहरी जिला साइबर सेल ने एप के जरिए लुभावनी स्कीम चलाकर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। मामले में पुलिस ने शुक्रवार को ठाणे (महाराष्ट्र) निवासी आरोपी अक्षय संजय धानुका (32) को पश्चिम विहार से गिरफ्तार किया है। आरोपी लोगों को स्कीम के तहत दैनिक आधार पर दस फीसदी रिटर्न देने का झांसा देकर ठगी कर रहा था। शुरुआती जांच में पता चला है कि सात दिन में अक्षय 40 करोड़ रुपये ठग चुका है। पुलिस गिरोह के अन्य बदमाशों को तलाश रही है।

नांगलोई निवासी प्रकाश ने बाहरी जिला साइबर सेल में शिकायत देकर बताया कि उसके एक दोस्त ने उसे जीडी फंड एप्लीकेशन नाम के एक एप के बारे में जानकारी दी। इसमें निवेश करने पर दस फीसदी रिटर्न मिलने की बात कही। पीड़ित ने एप में 300 रुपये का निवेश किया, अगले दिन उसे दस फीसदी ज्यादा रिटर्न मिला। उसने धीरे-धीरे निवेश बढ़ाया। एक मार्च से एप ने काम करना बंद कर दिया। इस दौरान पीड़ित से 21 हजार ठग लिए गए। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि ठगे गए 21 हजार रुपये में से छह हजार पीएनबी बैंक के भूमि इंफ्राटेक नाम की कंपनी के खाते में गई है। इस खाते को अक्षय चला रहा था। तकनीकी जांच कर पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

अक्षय ने बताया कि वह कंपनी के खातों की देखरेख कर रहा था। विदेश से संचालित एप पर पीड़ितों को दैनिक आधार पर 10 फीसदी के आकर्षक रिटर्न का लालच दिया जाता था। जालसाज पीड़ितों से टेलीग्राम और व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क करते हैं। जालसाज शुरू में सौ रुपये से हजार रुपये के छोटे निवेश पर उच्च रिटर्न देते हैं। पीड़ितों का विश्वास हासिल करने के बाद उन्हें भारी मात्रा में निवेश करने के लिए कहा जाता है। लोगों से ज्यादा रकम आने के बाद वह एप को बंद कर देते हैं। बैंक खातों के जरिए पैसे विदेश में बैठे जालसाज को मिल जाते हैं। पुलिस उस खाता धारक की पहचान करने में जुटी है, जिसमें 40 करोड़ रुपये के लेनदेन किए गए हैं।

प्ले स्टोर पर चला रहे हैं ठगी करने वाले कई एप

पीड़ितों ने बताया कि वह अलग-अलग एप के जरिए ठगी के शिकार हुए थे। पुलिस जांच में पता चला कि रकम भूमि इंफ्राटेक नाम की कंपनी के बैंक खाते में गई है। इस खाते में 17 से 23 फरवरी के बीच 40 करोड़ रुपये की लेन-देन हुई है। खाते में कई एप के जरिए पैसे आए हैं। पुलिस को आशंका है कि एक ही गिरोह के जालसाज सभी फर्जी एप चलाकर लोगों को ठग रहे हैं।