इस्लामाबाद । कर्ज में डूबे पा‎‎किस्तान को आईएफएम ने एक बार ‎फिर कर्ज मंजूर कर ‎दिया है। ‎मिली जानकारी के अनुसार वैश्विक ऋणदाता ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान के लिए बहुप्रतीक्षित 3 बिलियन के बेलआउट को मंजूरी दे दी। यहां गौरतलब है ‎कि पाकिस्तान और आईएमएफ पिछले महीने एक कर्मचारी स्तर के समझौते पर पहुंचे थे, जिससे नकदी की कमी वाले देश के लिए बहुत जरूरी फंडिंग हासिल हुई है। आईएमएफ ने कहा कि उसके कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान के आर्थिक स्थिरीकरण कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए नौ महीने में धन जारी करने के समझौते को मंजूरी दे दी है। यह घोषणा पाकिस्तान और आईएमएफ द्वारा प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ, वित्त मंत्री इशाक डार और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक के बाद योजना पर सहमत होने के दो सप्ताह से भी कम समय बाद आई है। जानकार बताते हैं ‎कि यह व्यवस्था पाकिस्तान के लिए एक चुनौतीपूर्ण आर्थिक मोड़ पर आती है। 
इस पर आईएमएफ ने एक बयान में कहा ‎कि कठिन बाहरी वातावरण, विनाशकारी बाढ़ और नीतिगत गलत कदमों के कारण वित्तीय वर्ष 2023 में बड़े राजकोषीय और बाहरी घाटे, बढ़ती मुद्रास्फीति और आरक्षित बफ़र्स में कमी आई है। बाद में आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछले साल महत्वपूर्ण झटकों से बुरी तरह प्रभावित हुई है। विशेष रूप से बाढ़ के गंभीर प्रभावों, कमोडिटी की कीमतों में बड़ी अस्थिरता और बाहरी और घरेलू वित्तपोषण स्थितियों के कड़े होने से। उन्होंने कहा कि 3 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज, अगर पाकिस्तान द्वारा ईमानदारी से लागू किया जाता है, तो उसे व्यापक आर्थिक स्थिरता हासिल करने और लगातार नीति कार्यान्वयन के माध्यम से असंतुलन को दूर करने का अवसर मिलेगा।
इधर पीएम शरीफ ने आईएमएफ के फैसले का तुरंत स्वागत करते हुए कहा कि यह अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के सरकार के प्रयासों में एक बड़ा कदम है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि यह तत्काल से मध्यम अवधि की आर्थिक चुनौतियों से उबरने के लिए पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है, जिससे अगली सरकार को आगे बढ़ने के लिए वित्तीय गुंजाइश मिलती है।