नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरें बढ़ाने की मांग को स्वीकार कर लिया है। आयोग के इस फैसले के बाद दिल्ली में बिजली की दरें बढ़ने जा रही हैं। अब दिल्ली में बिजली की दरें करीब 10 फीसदी महंगी हो जाएंगी। विद्युत नियामक आयोग के फैसले के बाद लोगों के मन में सवाल पैदा हो गया है कि इसका असर किन उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। साथ ही आयोग के फैसले के बाद सवाल हो रहा है कि पीपीएसी में 9.46 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के बाद अब लोगों को कितना बिजली का बिल देना पड़ेगा।

200 यूनिट तक मिलेगी फ्री बिजली

लोग इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि जिन लोगों का 200 यूनिट तक बिजली के इस्तेमाल पर बिजली का बिल नहीं आता था, उन्हें कितने रुपये देने होंगे। इन सवालों और आशंका के बीच दिल्ली सरकार में ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि जिनका बिजली का बिल शून्य आता रहा, वो वैसे ही आता रहेगा।

200 से अधिक पर बढ़ा चार्ज देना होगा

मतलब साफ है कि 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल पर इस बढ़ोत्तरी का असर नहीं पड़ेगा। आतिशी ने आगे बताया कि महीने में 200 यूनिट से अधिक बिजली उपयोग करने पर बढ़ा हुआ चार्ज देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जिन उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं मिलती है, उनके बिजली बिलों में पीपीएसी सरचार्ज में 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी। जैसे जिनका 100 रुपये का बिल आ रहा है, उनका अब 108 रुपये का बिल आएगा।

2019 में फ्री बिजली की हुई थी घोषणा

बता दें कि 2019 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ा ऐलान किया था। दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली के इस्तेमाल पर बिजली के बिल को माफ करने का फैसला किया। साथ ही 201 से 400 यूनिट तक बिजली की खपत करते हैं तो भी अब आपको आधा बिल ही भरना होगा। खास बात है कि राष्ट्रीय राजधानी में करीब 58 लाख बिजली कंज्‍यूमर्स हैं जिनमें से 47 लाख को सब्सिडी मिलती है। इनमें से 30 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जिनका महीने का बिल शून्य आता है।