मार्च आते ही निगम के कर्मचारियों का दो माह का वेतन का बकाया हो गया है। ऐसे में कर्मचारी फिर अपने वेतन को लेकर चिंतित हैं कि उन्हें वेतन कब मिलेगा। अगर दिल्ली सरकार निगम को मिलने वाले अनुदान की पहली किस्त अप्रैल में ही जारी कर देगी तो उनका वेतन मिलने का रास्ता खुल जाएगा। अगर इसमे देरी होती है तो वेतन के लिए इंतजार करना पड़ेगा।

निगम को एक माह का वेतन जारी करने के लिए 774 करोड़ रुपये का फंड चाहिए। ऐसे में इतना फंड तब ही संभव है जब राज्य सरकार से तय अनुदान मिले। हालांकि, इस मामले आम आदमी पार्टी (आप) से जवाब मांगा गया है, जिसका उत्तर नहीं आया। निगम में डेढ़ लाख कर्मचारी हैं। इसमें से निगम ने फरवरी का वेतन सी ग्रुप तक को दे दिया है, वहीं ग्रुप बी के कर्मियों को वेतन जारी करने की मंजूरी तो दे दी है, लेकिन अभी कर्मियों का वेतन खाते में नहीं पहुंचा है, जबकि ए ग्रुप के कर्मियों को वेतन कब मिलेगा अभी इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता|

7 तारीख तक देना होता है ग्रुप सी के कर्मियों का वेतन

दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार, निगम को हर माह की 7 तारीख तक ग्रुप डी के (सफाई कर्मचारी और मल्टी टास्किंग स्टाफ) कर्मचारियों का वेतन जारी करना होता है। इसके लिए निगम को 324.83 करोड की जरूरत होती है, जबकि सी ग्रुप के लिए 47 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है। सभी कर्मचारियों का फरवरी और मार्च का वेतन व पेंशन जारी करने के लिए एक हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

वेतन की देरी को लेकर कन्फेडेरेशन ऑफ एमसीडी एंप्लाइज यूनियंस के संयोजक एपी खान ने कहा कि निगम में सरकार के बदलने के बाद कर्मचारियों को वेतन के मुद्दे के स्थायी समाधान की उम्मीद थी, लेकिन 2 माह का वेतन बकाया है। तीन माह से पेंशन नहीं मिली है। ऐसे में निगम में सरकार को वेतन के मुद्दे का स्थायी समाधान करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक माह का वेतन जारी करने में देरी न हो।

एकीकरण के बाद सुधरी है स्थिति

दिल्ली नगर निगम के एकीकरण के बाद वेतन बकाया को लेकर कर्मचारियों के वेतन की स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि, अभी भी दो-दो माह का बकाया होने की वजह से कर्मचारी परेशान हैं। पूर्वकालिक उत्तरी और पूर्वी निगम में कर्मचारियों को वेतन के लिए परेशान होना पड़ता था।पूर्वी निगम के कर्मचारियों को छह माह तक वेतन नहीं मिला था, जबकि उत्तरी निगम के कर्मचारियों को तीन से चार माह से वेतन नहीं मिला था। एकीकरण के बाद जनवरी से कर्मचारियों के वेतन की स्थिति सुधरी है। अब सभी कर्मचारियों को एक साथ वेतन मिल रहा है। हालांकि, अब दो माह का वेतन बकाया है।