नई दिल्ली। मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम का चीफ बताकर 2.39 करोड़ की ठगी करने के आरोपित पीयूष गोयल बंधोपाध्याय को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने कहा कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किया जा रहा है। आरोपित करीब ढ़ाई साल से जेल में बंद है, ऐसे में आरोपित को सशर्त जमानत दी जाती है।

भारत छोड़ने पर रोक लगाते हुए अदालत ने आरोपित को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके व इनती ही राशि के एक जमानती पर जमानत दे दी। अदालत ने दिल्ली पुलिस को पांच दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

याचिका के अनुसार, शिकायतकर्ता व न्यू वेव बायो फ्यूल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के आधिकारिक प्रतिनिधि रविंद्र प्रताप सिंह ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दी थी। उन्होंने आराेप लगाया कि एक दया शंकर मिश्रा ने उनसे संपर्क करके कहा कि उसके उसके भारत सरकार में अच्छे संपर्क हैं और व इसके जरिए उन्हें मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के तहत फंड दिलावा सकता है।

ऐसे की थी ठगी

दया शंकर ने उन्हें याचिकाकर्ता पीयूष गोयल से यह कहकर मुलाकात कराई कि वह पीएमओ में एक वरिष्ठ भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी है, जोकि मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के चीफ भी हैं। दया शंकर ने पीयूष के साथ ही उनकी पत्नी स्वेता श्रोउट से भी रविंद्र प्रताप की मुलाकात कराई।

आरोप है कि आरोपितों ने फंड दिलाने के नाम पर 2.39 करोड़ रुपये की ठगी की। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त लोकअभियोजक ने कहा कि मामले में 16 मार्च को स्थिति रिपोर्ट दाखिल की गई थी, हालांकि, यह रिकार्ड पर नहीं है। वहीं, शिकायतकर्ता ने मामले में प्रत्युत्तर दाखिल करने की अदालत से अनुमति मांगी।