रायपुर : तेजी से दौड़ती भागती दुनिया से कदम मिलाकर नहीं चलने वाले अक्सर जिंदगी की जंग में पीछे रह जाते हैं। ऐसे में दोनों पैरों से 80 प्रतिशत अस्थिबाधित दिव्यांग पूनम पटेल के लिए अपने रोजमर्रा के काम के लिए भी घर से बाहर जाना परेशानियों भरा होता था। महासमुंद जिले के ग्राम गुढ़ियाडीह निवासी पूनम अपने जीवन में आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन शारीरिक अक्षमता और आर्थिक समस्याओं के चलते वे दूसरों पर निर्भर जीवन जी रहे थे। ऐसे समय में राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग से मिली मदद ने उनका जीवन बदल दिया।
    पूनम पटेल ने बताया कि दिव्यांगता के कारण वे अपने दैनिक कार्याें के लिए भी दूसरों पर निर्भर थे। इस बीच उन्हें पता चला कि समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को पात्रतानुसार लाभान्वित किया जाता है। उन्होंने समाज कल्याण विभाग महासमुंद पहुंचकर मोटराइज्ड ट्राई साइकिल के लिए आवेदन दिया। उनके स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभाग ने जल्द ही कार्रवाई करते हुए उन्हें बैटरी चलित मोटराइज्ड ट्राई साइकिल प्रदान कर दिया। उन्होंने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने के कारण वो मोटराइज्ड ट्राई साइकिल खरीद नहीं पा रहे थे।
    राज्य सरकार से मोटराइज्ड ट्राई साइकिल मिलने से वे काफी खुश हैं। अब वह आस पास के इलाके में अपनी मोटराइज्ड ट्राई साइकिल पर बिस्कुट, डबल रोटी और अन्य खाद्य सामग्री बेचने का कार्य करते हैं। इससे उनका जीवन यापन हो पा रहा है। उन्होंने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का उनके आवेदन पर शीघ्रता से कार्रवाई के लिए आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मोटराइज्ड ट्राई साइकिल मिलने से अपने निजी कार्यों के लिए दूसरों पर निर्भर होना नहीं पडे़गा। अब वे आत्मनिर्भर हो गए हैं। अपने कार्यों के लिए आना-जाना भी सुगमता से कर पा रहे हैं।