नई दिल्ली । दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई लोग पूछते हैं कि दिल्ली में इतने काम हो रहे हैं और आपने बिजली-पानी समेत कई सुविधाएं मुफ्त कर दी है, तो इसके लिए पैसे कहां से आते हैं? सीएम ने ऐसे सवाल करने वालों को जवाब देते हुए कि दिल्ली में इतने काम होने और अपनी जनता को बिजली-पानी समेत कई सुविधाएं मुफ्त देने के लिए यहीं से पैसे आते हैं। पहले ये पैसा इनकी जेबों में जाया करता था, अब किसी की जेब में नहीं जाता है, अब वो पैसा दिल्ली के विकास के लिए इस्तेमाल होता है। दिल्ली सरकार का एक-एक पैसा दिल्लीवालों की तरक्की के लिए इस्तेमाल होता है। 
सीएम केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश की बात करें तो पीडब्ल्यूडी का मतलब भ्रष्टाचार माना जाता है। लेकिन दिल्ली पूरे देश में अकेला शहर है, जहां पीडब्ल्यूडी का मलतब ईमानदारी है। हमारा पीडब्ल्यूडी विभाग हर काम में पैसे बचा रहा है। अगर पीडब्ल्यूडी में बेइमानी हो रही होती, 300 करोड़ रुपए का फ्लाईओवर 900 करोड़ रुपए में बन रहा होता। लेकिन पीडब्ल्यूडी हर काम में पैसे बचा रहा है। 
सीएम केजरीवाल ने दिल्लीवालों से कहा कि पूरी दिल्ली देख रही है कि हमारे काम में रोज कितनी अड़चनें आ रही है। हमारे काम को रोकने की बहुत कोशिश की जाती है। इन सारी अड़चनों के बाद भी हम सारे काम कर रहे हैं। हमने हमेशा कहा है कि ये चाहे जितनी अड़चनें लगा रहे हैं, उसके बावजूद मैं आपके काम नहीं रूकने दूंगा, काम की गति भले कम हो जाए। जैसे हमने पिछले 8 साल में दिल्ली में 530 मोहल्ला क्लीनिक बनाए। लेकिन पंजाब में हमारी सरकार ने केवल डेढ़ साल में ही 670 मोहल्ला क्लीनिक बना दिया है। दिल्ली में हमारी सरकार ने काम तो किया, लेकिन इन्होंने अड़चने लगाकर उस काम की गति धीमी कर दी। 
सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमने इस स्कीम की मंजूरी दे दी है। जल्द ही दिल्ली के अंदर शानदार लग्जरी बसें चलेंगी। अमीर और मिडिल क्लास के लोग अपने निजी वाहन छोड़ कर लग्जरी बस में सफर कर सकते हैं। इस स्कीम को हमें 2016 में लागू करना था। एक महीने में स्कीम लागू हो जाती। लेकिन इसे मंजूरी मिलने में 8 साल लग गए। सीएम ने कहा कि सच्चाई का रास्ता हमेशा कांटों भरा होता है। हमें काम करना है। हमें किसी की बुराई नहीं करनी है और न किसी के खिलाफ बोलना है। सारी अड़चनों के बाद भी हम काम करेंगे। दिल्ली की जनता का प्यार हमेशा मिलता रहे, मैं कोई काम रूकने नहीं दूंगा। 

- केजरीवाल सरकार ने इन प्रोजेक्ट्स में बचाए पैसे
- सराय काले खां फ्लाईओवर 66 करोड़ में बनना था, लेकिन 50 करोड़ रुपए में बना और 16 करोड़ की बचत हुई।
- मयूर विहार फेस-1 में फ्लाइओवर 50 करोड़ रुपए का बनना था, 45 करोड़ रुपए में बना। 
- विकासपुरी से मीराबाग एलिवेटेड कॉरिडोर 560 करोड़ में बनना था, जो 445 करोड़ रुपए में बना और 115 करोड़ रुपए बचाया गया।
- मंगोलपुरी से मधुबन चौक का एलिवेटेड रोड 423 में बनना था, जो 320 करोड़ में बना और 103 करोड़ रुपए बचाया गया। 
- मधुबन चौक से मुकरबा चौक फ्लाईओवर 422 करोड़ में बनना था, जिसे 300 करोड़ में बना दिया और 122 करोड़ बचा लिया। 
- भलस्वा में फ्लाईओवर 63 करोड़ रुपए में बनना था, जिसमें 48 करोड़ में बनाकर 15 करोड़ रुपए बचा लिया।