सीकर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के सीकर में जनसभा को संबो‎‎धित करके चुनावी अ‎भियान की शुरुआत की। उन्होंने राजस्थान के लोगों की ‎किस्मत बदलने की भी गारंटी ली है। बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरुआत में पीएम ने कहा कि एक ही नारा है, जीतेगा कमल, खिलेगा कमल। ये जनसैलाब बता रहा है कि राजस्थान के विधानसभा चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा और मेरी गांरटी है कि राजस्थान की किस्मत भी बदलेगी। पीएम मोदी ने अपने भाषण में लाल डायरी का भी जिक्र किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कितनी ही ताकत लगा लें, लेकिन लाल डायरी इस चुनाव में पूरी कांग्रेस का डिब्बा गोल करने जा रही है। लाल डायरी के नाम से ही कांग्रेस के नेताओं की बोलती बंद हो रही है। लोकतंत्र में सरकार को अपने काम का हिसाब देना पड़ता है, लेकिन जो चार साल सिर्फ सोएगा, वो काम का हिसाब कैसे देगा? इन लोगों ने सरकार का हर दिन आपसी खींचतान, वर्चस्व की लड़ाई में बर्बाद किया है। 
पीएम मोदी ने कहा ‎कि कहते हैं लाल डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामे दर्ज हैं। लोग कह रहे हैं कि लाल डायरी के पन्ने खुले तो अच्छे-अच्छे निपट जाएंगे।पीएम ने कहा कि भले ही ये लोग मुंह पर ताला लगा लें, लेकिन ये लाल डायरी इस चुनाव में पूरी कांग्रेस का डिब्बा गुल करने जा रही है। कांग्रेस आज देश में सबसे दिशाविहीन पार्टी बन गई है। इन दिनों कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने नया पैंतरा चला है। नाम बदलने का। पहले के जमाने में कोई कंपनी चिट्ठा निकल जाने पर वे नये नाम से अपनी काम चलाते थे। कांग्रेस और इसकी जमात ऐसी ही फ्रॉड कंपनियों की नकल कर रही है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार देश के किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। कांग्रेस आज देश की सबसे बड़ी दिशाविहीन पार्टी बनकर रह गई है। 
मोदी ने कहा ‎कि प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे, यह किसानों के लिए वन स्टॉप सेंटर हैं। भारत का विकास तभी हो सकता है जब गांवों का विकास होगा और हमारी सरकार भारत के गांवों में हर वह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है जो शहरों में उपलब्ध है। भारत का विकास तभी हो सकता है जब गांवों का विकास होगा और हमारी सरकार भारत के गांवों में हर वह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है जो शहरों में उपलब्ध है। हमारी सरकार यूरिया की कीमतों की वजह से भारत के किसानों को परेशानी नहीं होने देगी; इस सच्चाई को देश का किसान देख रहा है और अनुभव कर रहा है।