भोपाल । विधानसभा चुनाव सिर पर है और पार्टी ने अपनी गतिविधि तेज कर दी है, लेकिन जिलों में नई व्यवस्था के तहत जो प्रवक्ता बनाए जाना थे, उनकी सूची भोपाल में अटकी हुई है तो कई जिलों से जो नाम आए हैं, वो भाजपा की कसौटी पर खरे उतर नहीं रहे हैं। प्रदेश का मीडिया संगठन भी चाहता है कि एकसाथ पूरे प्रदेश के नाम घोषित किए जाएं और सभी का एक बड़ा प्रशिक्षण वर्ग हो।
भाजपा ने सोशल मीडिया के साथ-साथ मीडिया पर भी काम करना शुरू कर दिया है। इसको लेकर दो माह पहले भोपाल में मीडिया विभाग की एक बैठक हुई थी, जिसमें तय हुआ था कि प्रत्येक जिले में तीन-तीन प्रवक्ताओं की नियुक्ति होगी, जिसमें से एक महिला होगी और दो पुरुष। इनमें भी तेजतर्रार कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। फिलहाल भाजपा में एक प्रदेश मीडिया प्रभारी, प्रवक्ता, सहमीडिया प्रभारी और जिलास्तर पर मीडिया प्रभारियों का संगठन बना हुआ है, लेकिन तीन प्रवक्ताओं की नियुक्ति के बाद यह कुनबा और बढ़ जाएगा। इसके पीछे पार्टी की सोच है कि आगामी विधानसभा चुनाव में सबको अपने-अपने काम का बंटवारा कर दिया जाए, जिससे मीडिया प्रबंधन भी हो सके। अभी दो दिन मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल भी इंदौर में थे। उन्होंने भी सूची को लेकर संभाग स्तर पर बात की है, वहीं संगठन द्वारा जो नाम भेजे गए हैं, उन्हें जल्द ही घोषित करने के लिए कहा है। दरअसल कुछ जिलों से ऐसे नाम सामने नहीं आ रहे हैं, जो संगठन की कसौटी पर खरे उतर सके और तेजतर्रार हो, वहीं कई जिलों में सहमीडिया प्रभारी की भी नियुक्ति की जाना है और इसके साथ ही विभिन्न मोर्चा के मीडिया प्रभारी भी घोषित होना है, लेकिन लगता नहीं है कि एक पखवाड़े में इनकी घोषणा हो जाए।