साइबर अपराध से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के प्रत्येक जिले में पंद्रह साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। दिल्ली पुलिस ने एक जनहित याचिका के जवाब में कहा कि साइबर अपराधों की रिपोर्ट ऑनलाइन के साथ-साथ चौबीसों घंटे काम करने वाले सुविधा नंबर ‘1930’ के माध्यम से भी आसानी से की जा सकती है। वहीं केंद्र ने अपने जवाब में अदालत से कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश साइबर कानूनों के कार्यान्वयन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए उपयुक्त जागरूकता कार्यक्रम चला सकते हैं। जनहित याचिका में किसी कथित साइबर अपराध के लिए एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत किए जाने पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों को लागू करने की मांग की गई थी। दिल्ली पुलिस ने तथ्यों के आधार पर कहा, कुछ मामले केवल सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत दर्ज किए जाते हैं, और अन्य के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रासंगिक प्रावधान भी लागू किए जाते हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि आईपीसी जैसे पारंपरिक कानूनों को घृणास्पद भाषण, पीछा करने, आतंकवादी के ऑनलाइन प्रचार के लिए भर्ती, धोखेबाज संदेश भेजने आदि जैसे विभिन्न साइबर संबंधित अपराधों और अपराधों को संबोधित करने के लिए लागू किया जा सकता है।