नई दिल्ली । भारत में दै‎निक उपभोग का सामान बनाने वाले एफएमसीजी उद्योग ने सितंबर तिमाही में ‎बिक्री की मात्रा में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। उद्योग को महंगाई का दबाव कम होने के कारण खपत बढ़ने से काफी मदद मिली। विश्लेषण फर्म की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। बता दें ‎कि कीमतों में सुधार के साथ एफएमसीजी उद्योग ने जुलाई-सितंबर तिमाही में मूल्य के लिहाज से नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। यह आंकड़ा पिछली तिमाहियों से काफी कम है। एनआईक्यू इंडिया के प्रबंध निदेशक सतीश पिल्लई ने कहा कि एफएमसीजी उद्योग में पिछली तिमाही से मूल्य के लिहाज से वृद्धि कम हुई है। उपभोक्ताओं की खर्च करने की शक्ति बढ़ी है और यह विशेष रूप से ग्रामीण बाजारों में स्पष्ट है। बता दें ‎कि जब महंगाई अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर पर थी, तो पिछली 5-6 तिमाहियों में एफएमसीजी उद्योग ने मूल्य के लिहाज से वृद्धि दर्ज की थी। एफएमसीजी तिमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि जिंस कीमतों में नरमी के साथ यह प्रवृत्ति पलटने लगी है। इसके अलावा ग्रामीण बाजार में भी सुधार के संकेत दिख रहे हैं, जहां पिछली कई तिमाहियों से खपत में मंदी थी। शहरी बाजार स्थिर वृद्धि दर बनाए हुए है। 
रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण बाजार में छोटे आकार के पैक का उठाव अधिक हो रहा है, जबकि शहरी बाजारों में औसत पैक आकार बेहतर हो गया है। यहां बड़े पैक को प्राथमिकता दी जा रही है। वहीं एनआईक्यू इंडिया में कस्टमर सक्सेस, लीड रूजवेल्ट डिसूजा ने कहा ‎कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के बाजारों में कीमतों में बढ़ोतरी का कारण कम वृद्धि है, जबकि भारत में खपत मांग ज्यादा है। हाल के महीनों से यह रुझान बना हुआ है और ग्रामीण बाजारों में भी माल की खपत बढ़ रही है। यहां गौरतलब है कि ग्रामीण बाजार के ग्राहक उत्पादों के छोटे पैकेट खरीदना पसंद कर रहे हैं जबकि शहरी बाजार में औसत आकार के पैकेट की बिक्री बढ़ी है। वहीं कच्चे माल की लागत कम होने से स्थानीय ब्रांडों के लिए कम कीमतों में एफएमसीजी उत्पाद तैयार कर बेचना आसान हो गया है। हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी दोनों ने ही तिमाही नतीजों की घोषणा के समय कहा था कि क्षेत्रीय ब्रांडों में भी तेजी की लहर देखी जा रही है।