बिलासपुर- अनुपजाऊ भूमि को उपजाऊ बनाता है गंगा इमली का पेड़। अहम बात यह है कि इसमें भूमि को स्थिर रखने के गुण भी मिले हैं। इसलिए पौधरोपण की सूची में इसका भी नाम बहुत जल्द देखा जा सकेगा। खोज, अनुसंधान और अंत में मिलने वाले परिणाम के बीच, अब गंगा इमली के पेड़ में बेहद अनोखे गुणों का होना पाया गया है। जो अहम जानकारी सामने आई है, उसके बाद माइंस एरिया में पक्के तौर पर न केवल हरियाली लाई जा सकेगी बल्कि ऐसे क्षेत्रों में फसल भी ली जा सकेगी, जिसे अनुपजाऊ मानकर छोड़ा जा चुका है।

गया है। सेवन से कैंसर की बढ़ती कोशिकाओं को रोका जा सकेगा। डायबिटीज टाइप-टू पर भी प्रभावी नियंत्रण रखता है। पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए इसके फल का सेवन किया जा सकता है।
अब पौधरोपण में

ताजा-ताजा तैयार हुई वन संपदा योजना में गंगा इमली का नाम भले ही नहीं जुड़ा है लेकिन अनुसंधान में हुए खुलासे के बाद बहुत जल्द वन विभाग और निजी क्षेत्र के नर्सरियों में इसके पौधे दिखाई देने लगेंगे क्योंकि यह प्रजाति ज्यादा देखरेख नहीं मांगती। बारिश के पानी में ही यह पूरे साल जिंदा रह सकता है।