बिलासपुर। बिलासा ताल उद्यान पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। यहां बहुत जल्द पर्यटक हैंगिंग ब्रिज का लुत्फ उठाएंगे। हैंगिंग को सस्पेंशन ब्रिज भी कहा जाता है। इसमें पानी के अंदर कोई भी पिलर या बेस नहीं होता है। इसे केबल की सहायता से तैयार किया जाता है।

बिलासा ताल का निर्माण अक्टूबर 2010 में हुआ था। मुरुम का अवैध उत्खनन रोकने के लिए इसकी योजना तैयार की गई। जिला प्रशासन की पहल पर बना इस उद्यान का निर्माण का जिम्मा वन विभाग को दिया गया। बाद में प्रशासन संचालन की जिम्मेदारी भी विभाग को सौंप दी। यहां चारों ओर हरियाली और बीच में बड़ा तालाब है। इसके अलावा खानपान के लिए गुमटियां और बच्चों के लिए झूले, फिसलपट्टी की सुविधाएं भी हैं। इसे सुंदर बनाने के लिए तालाब के ऊपर लगभग 500 फीट लंबा ब्रिज तैयार किया गया है।

प्राकृतिक स्वरूप देने के लिए लकड़ी का ब्रिज बनाया गया है। पर्यटक भी इसका लुत्फ उठाते थे। ब्रिज के बीच में एक गोल आकार दिया गया है जिससे की पर्यटक वहां खड़े होकर तालाब व हरियाली का मजा उठा सके। लेकिन, मेंटेनेंस के अभाव में ब्रिज जर्जर हो गया है। जहां से पर्यटक पैदल चलते थे उसके किनारे- किनारे की लकड़ी की घेराबंदी उखड़ने लगी। लगातार पानी के अंदर होने और दीमक लगने के कारण निचला हिस्सा पूरी तरह कमजोर गया था। लिहाजा सुरक्षा के मद्देनजर वन विभाग ने इसे ढहा दिया।

करीब पांच साल से यहां ब्रिज नहीं है। हालांकि बीच में योजना बनाई गई थी। लेकिन, विभागीय अड़चन व अफसरों के तबादले के बाद योजना ठंडे बस्ते में चली गई। पर्यटक इस ब्रिज की कमी महसूस कर रहे थे। पिछले दिनों नगर निगम के अफसरों ने यहां का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ही उन्होंने हैंगिंग ब्रिज बनाने के लिए कहा। साथ ही यह आश्वासन दिया कि ब्रिज बनाने में जो खर्च आएगा, उसे निगम देगा।

190 मीटर लंबा और आठ फीट होगा चौड़ा

निगम से बजट देने का आश्वासन मिलने के बाद वन विभाग ने सर्वे किया। इसके तहत यह निर्णय लिया गया कि हैंगिंग ब्रिज की लंबाई 190 मीटर होगी। वहीं इसकी चौड़ाई आठ फीट होगी। चौड़ाई इसलिए बढ़ाई गई है, ताकि इस ब्रिज से कम से कम आमने-सामने से दो- दो पर्यटक आसानी से गुजर सके। इस ब्रिज को बनाने का जिम्मा नागपुर की एक निजी कंपनी को दी जाएगी। वन विभाग ने इस संबंध में कंपनी से चर्चा भी कर ली है।

10 से 12 फीट गहरा है तालाब

बिलासा ताल का तालाब 10 से 12 फीट गहरा है। इसमें सालभर लबालब पानी भरा रहता है। इसलिए ब्रिज निर्माण के दौरान सुरक्षा के मापदंडों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। ब्रिज के दोनों किनारे में लोहे की जालियों की दीवार रहेगी, ताकि पर्यटकों के गिरने का खतरा न रहे।