भोपाल । अंग्रेजी माध्यम के एमबीबीएस की पढाई कर रहे छात्र हिंदी की पुस्तकों में अब रुचि दिखाने लगे हैं।  प्रथम वर्ष की हिंदी माध्यम की पुस्तकों का चिकित्सा विद्यार्थियों में अच्छा प्रतिसाद देखने को मिल रहा है। यह जानकारी एमबीबीएस द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष की हिंदी पुस्तकों के लिप्यंतरण कार्य की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को बताई। बता दें कि शुक्रवार को मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सभी 13 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के डीन एवं लिप्यंतरण कार्य करने वाले चिकित्सा शिक्षकों के साथ संवाद का आयोजन किया गया था। इस दौरान अधिकारियों ने बताया गया कि सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों में हिंदी पुस्तकों का वितरण किया जा चुका है। अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों का कहना है कि हिंदी में कठिन विषयों को समझने में आसानी हो रही है। इस पर मंत्री सारंग ने एक सप्ताह के भीतर फार्म जारी कर विद्यार्थियों से फीडबैक लेने के निर्देश दिए हैं। चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री सारंग ने बताया कि एमबीबीएस द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष की मेडिकल पुस्तकों के हिंदी लिप्यंतरण के लिए सितंबर माह तक की टाइमलाइन तैयार की गई है। प्रत्येक 13 मेडिकल कालेजों में हिंदी चिकित्सा प्रकोष्ठ को साफ्टवेयर आधारित एआई के उपयोग के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी 12 विषयों के लिए चिंहित टीम में ट्रांसलिट्रेशन के लिए चैप्टर आवंटित किए जाएंगे, जिसकी कार्य प्रगति को डैशबोर्ड पर दर्ज किया जाएगा। डीएमई हर तीन दिन में एवं सीएमई हर सात दिन में इसकी समीक्षा करेंगे।वहीं विद्यार्थियों की आवश्यकता को देखते हुए और किताबों की मांग भी भेज दी गई है। हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के साथ ही अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों में भी पुस्तकों को लेकर रूचि बढ़ी है।