नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को जी 20 समूह की अध्यक्षता सौंप दी। इस दौरान उन्होंने सिल्वा को पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नई वैश्विक संरचना में दुनिया की नई हकीकत को प्रतिबिंबित करने का आह्वान किया और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक निकायों में सुधार की मांग की। उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है। ऐसे में दुनिया के बड़े और जिम्मेदार संस्थानों को भी बदलने की जरूरत है। यूएनएससी में अभी भी उतने ही सदस्य हैं, जितने इसकी स्थापना के समय में थे। इसका विस्तार होना चाहिए, यानी स्थायी देशों की संख्या बढऩी चाहिए।
जी-20 के दिल्ली घोषणा पत्र को इस लिहाज से सबसे कठिन दौर में आया ऐतिहासिक घोषणा पत्र कह सकते हैं। गौरतलब है कि पिछला जी-20 शिखर सम्मेलन इंडोनेशिया के बाली में हुआ था। बाली घोषणा पत्र में रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े मुद्दे पर चीन और रूस दोनों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। इस घोषणा पत्र  को चीन और रूस की आपत्ति को शामिल करके ही अंतिम रूप दिया गया था। दिल्ली में आयोजित जी-20 की शिखर बैठक में जिस तरह से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दूरी बनाई थी, उससे ऐसी चिंता थी कि कहीं यहां भी आम सहमति न बन पाए। लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर और जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत के चेहरे के भाव देखने लायक थे। अमिताभ कांत ने इसके लिए अपने सहयोगी अधिकारियों को धन्यवाद दिया। वहीं विदेश मंत्री ने बताया कि इस स्थिति तक आने में ब्राजील, तुर्किए आदि ने बड़ी सहायता की। भारत ने आम सहमति के लिए कई स्तरों पर काफी प्रयास किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं कि नवंबर 2023 तक जी20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी भारत के पास है। इन दो दिनों में आप सभी ने बहुत सारे सुझाव दिए, प्रस्ताव रखे। हमारा कर्तव्य है कि सुझावों की एक बार फिर से समीक्षा की जाए, ताकि यह देखा जा सके कि उनकी प्रगति को कैसे तेज किया जा सकता है। मेरा प्रस्ताव है कि नवंबर के अंत में हम जी 20 का एक वर्चुअल सत्र आयोजित करें। हम इस शिखर सम्मेलन में तय किए गए विषयों की समीक्षा उस वर्चुअल सत्र में कर सकते हैं। मुझे आशा है कि आप सभी वर्चुअल सत्र में जुड़ेंगे। इसके साथ मैं जी20 सत्र के समापन की घोषणा करता हूं।
ब्राजील ने भारत की सराहना की
लूला डी सिल्वा ने उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के लिए भारत की सराहना की। ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर में जी20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा। ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि गरीब देशों की कर्ज की समस्या पर ध्यान देना होगा। दुनिया को भुखमरी खत्म करने की कोशिश बढ़ानी होगी।
कूटनीतिक मोर्चे पर अब सक्रिय भूमिका में होगा भारत
सूत्रों के मुताबिक, जी20 में नई दिल्ली डिक्लेरेशन का स्वीकार होना, यह कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की बड़ी जीत है। वजह, जी20 में सभी महाशक्तियां शामिल हैं। उनकी मौजूदगी में भारत ने सहमति का रास्ता निकाला है। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और जापान ने भी एयू को स्थायी सदस्य बनाने के मामले में बाधा खड़ी नहीं की। घोषणापत्र के नौवें पैरे में लिखा था, हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि जी20, अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए एक प्रमुख मंच है। यह समूह भू-राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों को हल करने का मंच नहीं है। हालांकि हम स्वीकार करते हैं कि इन मुद्दों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण परिणाम हो सकता है। भारत ने यह बात कह कर चीन और रूस, दोनों को संदेश दे दिया। हालांकि चीन का कहीं नाम नहीं लिया।
रूस-यूक्रेन को भी कूटनीति से साध लिया
नई दिल्ली डिक्लेरेशन के 13वें पैरे में लिखा है, हम सभी राज्यों से क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को, अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक, बनाए रखने की अपील करते हैं। मानवीय कानून, शांति और स्थिरता की रक्षा करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान करते हैं। विभिन्न देशों के मध्य संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान और संकटों के हल के हल के लिए प्रयास करने के साथ ही कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं। हम वैश्विक अर्थव्यवस्था पर युद्ध के प्रतिकूल प्रभाव को संबोधित करने के अपने प्रयास में एकजुट होंगे। यूक्रेन में व्यापक एवं न्यायसंगत और टिकाऊ शांति का समर्थन करने वाली सभी प्रासंगिक और रचनात्मक पहलों का स्वागत करेंगे। बशर्ते, ये सभी पहल, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सभी उद्देश्यों और सिद्धांतों को कायम रखें। एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य की भावना से राष्ट्रों के बीच शांतिपूर्ण, मैत्रीपूर्ण और अच्छे पड़ोसी संबंधों को बढ़ावा देना होगा। भारत ने ऐसा कर रूस और यूक्रेन के लिए एक संदेश और जी20 का स्टैंड क्लीयर कर दिया।