तेलअवीव । अमेरिका मध्य पूर्व में इजरायल का सबसे मजबूत सहयोगी है, लेकिन वाशिंगटन ने तेल अवीव को तनाव में ला दिया है। दरअसल अमेरिकी सुरक्षा और राजनयिक स्रोतों से हाल के दिनों में जिस तरह से लीक सामने आए हैं, इन घटनाओं ने इजरायल की सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। खासकर जब वे इजरायल और ईरान से जुड़े हैं। इजरायल में रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षा और राजनयिक स्थिरता को बढ़ावा देने के बजाय ये लीक चिंता, दबाव और अराजकता पैदा कर रहे हैं। 
दरअसल इजरायल अपनी रक्षा के लिए एक खास रणनीति पर काम करता रहा है, आंख के बदले आंख और दांत के बदले दांत। इजरायल विरोधियों पर हमला करके उन्हें तबाह करता है, लेकिन साथ ही वह कभी भी सार्वजनिक रूप से इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं लेता है। मध्य पूर्व के तनावपूर्ण क्षेत्र में यह संतुलन बेहद जरूरी है। इजरायल ने किसी हमले की सार्वजनिक जिम्मेदारी लेने से परहेज किया, फिर चाहे वह दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हमला या फिर ईरान के हमले के जवाब में एस्फहान शहर को निशाना बनाना हो।
लेकिन पेंटागन ने ईरान पर हमले की जानकारी अमेरिका मीडिया को लीक की। इजरायल के सूत्रों के हवाले से बताया है कि तेल अवीव में इस बात को लेकर निराशा है कि आखिर पेंटागन ने मामले में चुप्पी रखने के बजाय अमेरिकी मीडिया को जानकारी लीक क्यों कर दी। इजरायली सूत्रों का मानना है कि ऐसा करके अमेरिकी पक्ष ने अनावश्यक तनाव और कूटनीतिक जटिलताओं को बढ़ाया है।
इजरायल में अमेरिका के इस जानकारी को सार्वजनिक करने को लेकर व्यापक चिंता है। इजरायल ने 24 से 48 घंटे पहले अमेरिका को हमले के बारे में सूचना दी थी। इजरायली सूत्रों का मानना है कि इस जानकारी को लेकर अमेरिकी अधिकारियों को संयम बरतना चाहिए था, लेकिन इस जानकारी को लीक कर तनाव और भय का माहौल बनाया गया। 
इजरायल का मानना है कि पहले से तनाव भरे माहौल में लगातार हो रहे लीक से फायदे के बजाय नुकसान अधिक हो सकता है। ये लीक इजरायल की रणनीति को कमजोर करते हैं और ईरान को भड़काते हैं, जो क्षेत्र में व्यापक संघर्ष को बढ़ा सकते हैं। इन लीक का प्रभाव इजरायल और ईरान से बाहर भी होगा।