कहते है कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। अगर मन में ठान लिया जाए तो बड़ी मंजिल ज्यादा दूर नहीं होती। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इस कहावत को पूरी तरह से सही साबित कर दिखाया। साल 2004 में बांग्लादेश टूर के दौरान एमएस धोनीको भारतीय नेशनल टीम के लिए सेलेक्ट किया गया था, लेकिन वह अपने पहले ही मैच में ही जीरो पर रन आउट हुए। इस शून्य को शिखिर पर कैसे बदला जाता है। जमीन से आसमान तक की ऊंचाई का सफर कैसे तय किया जाता और फिर कैसे उस ऊंचाई पर ठहरा जाता है। ये सब एमएस धोनी से सिखने को मिला, जिन्होंने एक नहीं, बल्कि टी-20, वनडे और टेस्ट में भारत की अगुआई की और इन फॉर्मेट में भारत को उन बुलंदियों तक पहुंचाया जिसे हासिल करना हर एक कप्तान का सपना होता है। बता दें कि आज एमएस धोनी अपना 42वां जन्मदिन मना रहे है। फैंस उन्हें जन्मदिन की बधाइयां अलग-अलग अंदाज में दे रहे है। ऐसे में उनसे जुड़े कई किस्सों की आज चर्चा हो रही है।

इन्हीं में से एक किस्सा आपको बताएंगे जिसका खुलासा रवींद्र जडेजा ने किया था। हर कोई जानता है कि क्रिकेट के अलावा धोनी को गाड़ियों और बाइक्स का बेहद ही शौक है, लेकिन बाइक्स और कारों को लेकर इतनी दीवानगी शायद ही कहीं देखने को मिली होगी कि धोनी खुद अपनी कार कलेक्शन में कितनी गाड़िया है ये भूल जाते है। गैराज में कितनी कारें है खुद माही को नहीं रहता याद दरअसल, 'द धोनी टच' बुक से इस बात का खुलासा हुआ कि रवींद्र जडेजा  ने एक बार धोनी की बाइक कलेक्शन को लेकर कहा था कि माही के पास 43 या 44 बाइक्स है। जडेजा ने बताया था कि धोनी अक्सर खुद ही भूल जाते है कि उनके गैराज में कितनी बाइक मौजूद है।

बता दें कि धोनी के बचपन के दोस्त छोटू भैया साल 1995 में माही से रॉयल क्लब में पहली बार मिले थे। छोटू एक सीनियर खिलाड़ी थे और धोनी अपना करियर शुरू कर रहे थे, लेकिन उस वक्त धोनी के पास बाइक नहीं थी। माही के कोच ने छोटू से विनती की थी कि वह धोनी को मेक्लोन क्लॉनी से अपने साथ लेकर आए। ऐसे ही माही की दोस्ती कई लोगों से धीरे-धीरे बढ़ती चले गई और एक दिन सभी दोस्तों ने हजारीबाग जाने का प्लान बनाया। सभी दोस्तों ने कहा कि हजारीबाग के लिए बाइक ट्रिप प्लान करते है, लेकिन धोनी के पास खुद की बाइक नहीं थी। माही ने इस दौरान भैया से छोटू भैया से कहा कि भैया बाइक देना प्लीज। बता दें कि हजारीबाग करीबन रांची से 95 किलोमीटर दूर थ, लेकिन छोटू भैया ने बिना कोई मना करें धोनी को बाइक दे दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि लाइट्स ठीक से चल नहीं रही है बाइक की, ऐसे में माही अपना ध्यान रखना और सूरज ढलने से पहले वापस आ जाना। धोनी ने कहा कि चिंता मत करिए भैया हम आ जाएंगे, लेकिन रात के 12 बज गए और धोनी वापस नहीं आए। छोटू की चिंता और बढती चले गई और इस तरह टेंशन में वह सड़क पर घूमने लगे। इससे ये साफ पता चलता है कि धोनी को बाइक का चस्का पहले से ही था। ऐसे में कुछ समय बाद माही वापस लौटते है और छोटू भैया की चिंता खत्म हो जाती है। बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी की पहली बाइक राजदूत थी। इस बाइक को धोनी ने करीब 4,500 रुपये में खरीदा था। इसकी तस्वीर धोनी ने ट्विटर पर भी शेयर की है, और पोस्ट पर लिखा है मेरी पहली बाइक धोनी के गैराज में यह बाइक आज भी खड़ी है। इस बारे में छोटू भैया ने ये खुलासा किया था कि माही ने उनसे भी अच्छी बाइक ली थी, लेकिन धोनी ने उस बाइक को ज्यादा नहीं चलाया और कुछ समय में वह बेच दी। इसके बाद धोनी की कार और बाइक का कलेक्शन बढ़ता चला गया और आज माही के पास बेशकीमती बाइक है। इससे ये साफ स्पष्ट होता है कि थोड़ा इंतजार करना पड़ता है, लेकिन वक्त सबका बदलता है।